Preparation for E-Filing : भ्रष्टाचार रोकने के लिए नगर निगम ई-फाइलिंग की तैयारी में!
Indore : घोटालों का गढ़ बन चुके इंदौर नगर निगम में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए नगर निगम में ई-फाइलिंग की व्यवस्था तैयारी है। इससे न केवल व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी, बल्कि किस स्तर पर गड़बड़ी हुई, यह भी सामने आएगा। सभी काम ऑनलाइन होने से विभागों में बाबू और अधिकारियों में भी धांधली करने को लेकर भय व्याप्त रहेगा।
निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने ई-फाइलिंग सिस्टम को लेकर पहल की है। बताया जा रहा कि संचालनालय की मदद से यह सिस्टम लागू किया जा रहा है। जब से नगर निगम में शिवम वर्मा ने चार्ज लिया, तभी से वे व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को लेकर काफी सक्रिय हैं। 100 करोड़ से भी अधिक का घोटाला सामने आने के बाद निगम आयुक्त ने एक और पहल करते हुए ई-फाइलिंग सिस्टम लाने के लिए तैयारी की है।
बताया जा रहा है कि नगर निगम में सभी बाबुओं और क्लर्कों के ई फाइलिंग लॉगिन आईडी होते हैं। जिसके तहत यह कार्य किया जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए ई फाइलिंग सिस्टम लागू करने की भी तैयारी की जा रही है। हालांकि, वर्तमान में टेंडर प्रक्रिया ऑनलाइन ही की जा रही है। इसके बाद ठेकेदारों द्वारा बिल वाउचर और अन्य भुगतान संबंधी प्रक्रिया की फाइल सबमिट की जाती है। यह कार्य भी ऑनलाइन होने से सभी कार्यों की पर्याप्त मॉनिटरिंग हो सकेगी।
अफसरों की आदत सुधर नहीं रही
विभिन्न फाइलों पर बाबू और अधिकारियों द्वारा मात्र चिड़िया बैठाई जाती है। जिसे धांधली होने की संभावना बहुत अधिक रहती है। इसे रोकने के लिए आयुक्त ने हाल ही में एक आदेश जारी कर हस्ताक्षर करने वाले बाबू अधिकारी का नाम पदनाम एंप्लॉय आईडी भी लिखने के निर्देश जारी किए हैं। लेकिन, निगम आयुक्त के आदेश के बावजूद भी बाबू-अधिकारियों की मात्रा चिड़िया बैठाने की आदत सुधार नहीं रही है। कई विभागों में यह देखा गया कि फाइलों पर हस्ताक्षर मात्र है। इसके बाद कई फाइलों को लौटाया भी गया। साथ ही हस्ताक्षर करने वाले बाबू अधिकारी के नाम बदनाम एम्पलाई आईडी सहित पदमुद्रा अर्थात सील भी लगाने के लिए कहा गया है।