Preparation for Rahul Yatra : प्रेमचंद गुड्डू को मीटिंग से बाहर क्यों निकाला गया! 

दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं को टीमों को बांटकर जिम्मेदारी सौंपी 

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Preparation for Rahul Yatra : प्रेमचंद गुड्डू को मीटिंग से बाहर क्यों निकाला गया! 

Indore : कांग्रेस इन दिनों गुटबाजी और अफवाहों से परेशान है। राहुल गांधी की यात्रा से पहले पार्टी में बड़ा सेबोटेज होने की ख़बरों के साथ पार्टी में गुटबाजी भी चरम पर है। हर कार्यकर्ता पार्टी से पहले किसी न किसी बड़े नेता का शागिर्द है। यही कारण है कि दिग्विजय सिंह को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तैयारी में भी इस गुटबाजी का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को यात्रा की तैयारी के लिए हुई मीटिंग के दौरान दिग्विजय सिंह ने लिस्ट में नाम न होने से पूर्व सांसद और विधायक प्रेमचंद गुड्डू को मीटिंग से बाहर जाने को कह दिया।

मध्यप्रदेश आ रही राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले कांग्रेस के सामने कई तरह की चुनौतियां खड़ी हो रही है। ‘ऑपरेशन लोटस’ की खबरों के बीच कांग्रेस में व्याप्त गुटबाजी भी सबसे बड़ा सिरदर्द बन रहा है। राहुल गांधी 2 दिन तक इंदौर में रहेंगे। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के मध्यप्रदेश गुजर जाने तक कांग्रेस की हर छोटी बड़ी गतिविधि पर बीजेपी नजर रख रही है। इसे लेकर कल दिग्विजय सिंह चिंतित दिखाई दिए।

योजनाओं में कहीं रिसन न हो, इसलिए यात्रा की व्यवस्थाओं के लिए इंदौर पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के नेता प्रेमचंद गुड्डू को मीटिंग हॉल से बाहर कर दिया। प्रेमचंद गुड्डू उस मीटिंग में पहुंच गए थे जिसमें उन्हें शामिल ही नहीं किया गया था। दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के नेताओं को भारत जोड़ो यात्रा की आदर्श आचरण संहिता के नियम बताए ही थे, कि पहली मीटिंग में प्रेमचंद गुड्डू धड़धड़ाते हुए मीटिंग हॉल में घुस आए। मजबूरी में दिग्विजय सिंह को प्रेमचंद गुड्डू को बाहर जाने के लिए कहना पड़ा।

पार्टी को काम की जिम्मेदारी में बांटा 

मंगलवार को दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को टीमों में बांट दिया। हर टीम को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है, ताकि सभी पार्टी द्वारा दी गई जिम्मेदारी के मुताबिक काम करें। कहीं भी आपसी संघर्ष दिखाई न दे। विशाल पटेल और उनकी टीम को लॉजिस्टिक का काम सौंपा गया है। संजय शुक्ला और उनकी टीम को यात्रा से जुड़े लोगों के खान-पान की जिम्मेदारी दी गई। दिग्विजय सिंह ने यह भी साफ़ कर दिया कि कोई साझा मीटिंग नहीं होगी। सब अपनी-अपनी टीमों में काम करेंगे और दूसरे के काम में दखल नहीं देंगे। कांग्रेस कार्यकर्ता एक साथ इकट्ठे नहीं होंगे।