
Price of Coconut Products is Sky High : देसी घी से ज्यादा महंगा खोपरे का तेल, खोपरा भी आसमान पर, फेस्टिवल सीजन में भाव और बढ़ेंगे!
बहनें राखी पर भाइयों के हाथ में कैसे देंगी 35-40 रु का एक नारियल!
इंदौर से बाजार विशेषज्ञ बसंत पाल की रिपोर्ट
Indore : घरेलू बाजार में इन दिनों नारियल (खोपरे) और इसके उत्पादों की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गई। इतनी ऊंचाई पर कि यह आम उपभोक्ताओं की खरीद से बाहर होने लगी। नारियल का तेल ₹525 से ₹550 लीटर तक पहुंच गया, जिससे यह आम उपभोक्ताओं की खरीदी से बाहर हो गया। बीते कुछ हफ्तों में इसमें ₹50 से ₹70 प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी देखी गई है। एक नारियल 35 से 40 रूपए प्रति नग मकल रहा है।
उत्तर भारत और मध्य भारत सहित देश के अनेक प्रदेशों में रक्षाबंधन के अवसर पर बहनें भाइयों को कलाई पर राखी बांधते समय नारियल देती है। पर, ऐसा लग रहा है कि इस साल राखी पर बहनें अपने भाइयों के हाथ में नारियल नहीं रख पाएंगी। क्योंकि, नारियल की कीमतें आसमान छू रही हैं और यह आम उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो गया।

इसके साथ ही नारियल तेल की कीमत शुद्ध घी के स्तर पर पहुंच गई। सरकार की और से अभी कीमतों को नियंत्रित करने की कोई योजना नहीं नजर आ रही। दक्षिण के राज्यों में नारियल तेल का उपयोग खाने के तेल के रूप मे किया जाता है। वहीं भारत के अन्य उत्तरी राज्यों में इसका उपयोग बालों और त्वचा पर लगाने के लिए किया जाता है।
कारोबारियों और बाजार विशेषज्ञों के अनुसार इस मूल्य वृद्धि के पीछे मुख्य कारण कच्चे माल की कमी, मांग में तेजी और दक्षिण भारत से सप्लाई में व्यवधान है। खासतौर पर तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों से आने वाला नारियल उत्पादन इस बार मौसम की मार और कम पैदावार की वजह से प्रभावित हुआ, जिसका सीधा असर कीमतों पर पड़ा है।

इंदौर सहित अन्य शहरों के किराना बाजारों में ब्रांडेड नारियल तेल के साथ खुला नारियल तेल भी महंगा हुआ। कुछ व्यापारियों ने बताया कि त्योहारों और सावन महीने में पूजा-पाठ के कारण भी नारियल और इसके तेल की कीमतें बढ़ गई है। जानकारों का कहना है कि यदि यही स्थिति बनी रही, तो आगामी त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को नारियल और इसके बने उत्पादों के लिए अधिक दाम चुकाना पड़ सकते हैं।
नारियल बूरे का उपयोग करने वाले स्नैक्स, बेकरी उत्पादकों और घरेलू उपयोग के अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी इस वजह से इजाफा हो सकता है। नारियल इस फेस्टिवल सीजन में उपभोक्ता बजट बिगाड़ दे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। शहर में ब्रांडेड शुद्ध घी 400 से 550 रूपए प्रति किलो बिक रहा है, तो ब्रांडेड नारियल तेल की कीमत ₹525 से ₹550 लीटर है।
मंदिरों में भी नारियल का चढ़ावा घटा
शहर के मंदिरों में भी नारियल का चढ़ावा कम हो गया। शहर के एक प्रमुख मंदिर के पुजारी पंडित ब्रजमोहन का कहना है कि बीते 40 सालों में नारियल की क़ीमतों में इतनी वृद्धि नहीं देखी गई है। अब लोग भगवान को अर्पण करने के लिए फूल, मिठाई और अगरबत्तियां तो ला रहे, पर नारियल की कटौती होने लगी। पानी वाले हरे नारियल की कीमतें भी 40 और 50 रुपए से बढ़कर ₹80 तक पहुंच गई।
केरल में नारियल तेल लक्जरी बना
नारियल उत्पादन में कर्नाटक सबसे आगे है। केरल तीसरे नंबर पर है। लेकिन, नारियल तेल उत्पादन के मामले में वह नंबर वन है। यहां हर साल करीब 3 लाख टन नारियल तेल का प्रोडक्शन होता है, जो देश में सबसे ज्यादा है। फिर भी यहां नारियल तेल ‘लग्जरी’ बनता जा रहा। केरल में एक लीटर नारियल तेल की कीमत 450 से 500 रुपए तक पहुंच गई। अनुमान है कि सितंबर तक यह 600 रुपए तक पहुंच सकती है। माना जा रहा है कि देशभर में नारियल तेल के दाम और ज्यादा बढ़ सकते हैं।
नारियल पानी की डिमांड ने बढ़ाई कीमतें
केरल सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी सप्लाईको की रिपोर्ट के मुताबिक, सूखे नारियल की कमी और दक्षिण-पूर्व एशिया में खराब उत्पादन की वजह से नारियल तेल की कीमतों में तेजी से उछाल आया है। इसके अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु में नारियल की फसलें प्रभावित हुई हैं। यहां सूखा और टेंडर नारियल (नारियल पानी) की बढ़ती मांग ने उत्पादन घटा दिया। कच्चे माल की कीमतों में 40%-50% की बढ़ोतरी हुई है। इसी के चलते घरेलू उत्पाद की बड़ी कंपनियों ने पिछले एक साल में लगभग 30-40% तक कीमतें बढ़ा दी।





