महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आना लगभग तय

अक्टूबर की 9 तारीख को आ सकते है प्रधानमंत्री मोदी

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(उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट)

उज्जैन । विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकालेश्वर के मंदिर परिसर में चल रहे विस्तारीकरण, सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्यों के प्रथम फेज का कार्य समाप्त हो गया है। दूसरे फेज का कार्य को भी तेजी से किया जा रहा है जो अब समापन की ओर है । काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब उज्जैन के महाकाल मंदिर के विस्तारित परिसर “महाकाल कॉरिडोर” का लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री के प्रोटोकाल के तहत होने वाली विशेष व्यवस्थाओं के चलते कयास लगाए जा रहे हैं कि 9 अक्टूबर को इस योजना का लोकार्पण करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन आ सकते हैं । महाकाल थाना क्षेत्र स्थित समस्त होटलों लॉज एवं रहवासी क्षेत्रों में पुलिस का विशेष अभियान चल रहा है, पूरे उज्जैन शहर में पुलिस द्वारा किरायेदारों व कर्मचारियों की जानकारी अपडेट व चेक की जा रही है ऐसे में माना जा रहा है की प्रधानमंत्री मोदी का आना लगभग तय हो गया है, हालांकि जिला प्रशासन ने अभी कोई पुष्टि नहीं की है । हाल ही में उज्जैन सांसद अनिल फ़िरोजिया ने कॉरिडोर का निरीक्षण कर कलेक्टर आशीष सिंह से महाकाल मंदिर विस्तारिकरण योजना के कार्यो की पुर्णता के संबंध में जानकारी ली । वही नागरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह भी महाकाल मंदिर विस्तारीकरण के कार्यों को देख संतुष्टि जाहिर की है । अध्यक्ष महाकाल मंदिर समिति एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि महाकाल महाराज विस्तारीकरण की कार्ययोजना में मुख्यमंत्री जी की विशेष रुचि रही है उन्ही के विजन के अनुसार महाकाल महाराज विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत करोड़ो की लागत से विकास एवं सौंदर्यीकरण के कार्य किये जा रहे है, जून 2023 तक सभी कार्यों के पूर्ण होने की संभावनाएं है जिसके बाद बाबा महाकाल के मंदिर का भव्य और वैभव से परिपूर्ण स्वरूप श्रद्धालुओं को नजर आएगा।

महाकाल मंदिर का नवीन कॉरिडोर लाइटिंग से जगमगाने लगा है रुद्रसागर तालाब के स्वच्छ जल और सागर किनारे से लगे फ्रंट कॉरिडोर में लाइट एंड साउंड, लेजर और वॉटर वाल शौ कॉरिडोर की भव्यता को दूगनी कर रहे है । बाबा महाकाल के आंगन में देश का पहला ऐसा नाइट गार्डन बनाया गया है। जिसकी थीम के अनुसार श्रद्धालुओं को आस्था के साथ ज्ञान भी प्राप्त होगा ।
महाकाल पथ का 200 मीटर लंबा मार्ग और 500 मीटर लंबी म्यूरल्स (भित्ति चित्र) वाली दीवार रोशनी से सराबोर है। 108 शिवस्तंभ में भगवान शिव की विभिन्न मुद्राओं पर भी रात के समय रोशनी की छटा दर्शकों का मनमोहने को तैयार है। यहां भव्यता के साथ आस्था और ज्ञान का अनूठा संगम बन गया है।

प्रथम फेज के कार्यो के लोकार्पण के बाद यह परिसर श्रद्धालुओं को दिन के समय अलग व रात में अलग नजर आएगा ।
श्रद्धालुओं को कम समय में दर्शन हो सके और देशभर से आने वाले श्रद्धालु उज्जैन में ही रुक कर शहर के पर्यटन को बढ़ावा दें इसके लिए महाकाल मंदिर विस्तार योजना में अनेक आकर्षण शामिल किए गए हैं, रुद्रसागर में प्रस्तावित लेजर शो देश में अन्य प्रसिद्ध स्थानों पर चल रहे लेजर शो से अलग और अनोखा होगा, महाकाल पथ पर की गई विद्युत सज्जा श्रद्धालुओं को मोहित करेगी । महाकाल मंदिर विस्तारीकरण में शहर के स्थानीय श्रद्धलुओं और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग प्लान बनाए गए हैं। पार्किंग, मनोरंजन, उज्जैन के इतिहास, श्रद्धालुओं की सुरक्षा से लेकर उनके खानपान के लिए भी अनेक योजनाएं मूर्तरूप ले रही है। वर्तमान समय में महाकाल मंदिर का परिसर दो से ढाई हेक्टेयर में फैला हुआ है, जबकि विस्तारीकरण के बाद रूद्र सागर को शामिल करने पर यह परिसर 42 हेक्टेयर में फैल जाएगा, कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि महाकाल मंदिर का नया स्वरूप श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। प्रतिदिन आने वाले स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के नजदीक से प्रवेश की व्यवस्था बनाई गई है जबकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग से विजिटर सेंटर बनाए गए हैं, ऐसा विश्वास है कि पूरे परिसर में घूमकर श्रद्धालुओं को अद्भुत आनंद की अनुभूति होगी । प्राचीन समय में महाकाल मंदिर क्षेत्र को महाकाल वन क्षेत्र कहा जाता था, योजना में इसी प्राचीन स्वरूप को ध्यान में रखते हुए विस्तारीकरण किया जा रहा है । यहां पर सप्त ऋषि की प्रतिमाओं के साथ-साथ भगवान शिव की 108 मुद्राओं का दर्शन होगा, इसके अलावा नवग्रह मंडल की प्रतिमाएं भी भक्तों को आकर्षित करेंगी ।

जिलाधीश आशीष सिंह ने कहा कि महाराजवाडा स्कूल भवन और महाकाल थाना एवं पुलिस स्टाफ क्वार्टर हटाकर स्कूल को ही रिनोवेट कर भव्य हेरीटेज होटल बनाई जा रही है, यह हेरिटेज होटल मंदिर के परिसर में ही हो इसके लिए महाराजवाडा स्कूल के पास का रास्ता भी बंद कर इसे मंदिर परिसर में ही शामिल करने का प्लान है । 3 पार्किंग स्थलो पर सत्रह सौ वाहनों को पार्क किया जा सके ऐसी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। हरिफाटक ब्रिज (मन्नत गार्डन) के पास खाली करवाई गई शासकीय जमीन पर 1000 वाहनो के पार्किंग की व्यवस्था, त्रिवेणी संग्रहालय पर बने भव्य प्रवेश द्वार के पास 450 वाहनो के पार्किंग व्यवस्था के अलावा बेगम बाग मार्ग पर भी 250 वाहनों को पार्क किया जा सकेगा । संपूर्ण मंदिर में विद्युत प्रदाय के लिए त्रिवेणी संग्रहालय के पास बन रहे पार्किंग के ऊपरी तल पर सोलर पैनल लगाए गए हैं इन्हीं सोलर पैनल के जरिए संपूर्ण मंदिर परिसर में विद्युत प्रदाय किया जाएगा। शिव की 108 मुद्राओं के बीच मिड वे जोन रहेगा, विस्तारित परिसर में फूड जोन और सुरक्षा के लिए हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया गया है ।