प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की ‘मन की बात’ में दतिया की तारीफ
नई दिल्ली: कुपोषण के खिलाफ ‘मेरा बच्चा अभियान’ को गीत-संगीत और उत्सव के माध्यम से चलाने पर दतिया की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तारीफ की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में तारीफ करते हुए कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं, क्या कुपोषण दूर करने में गीत-संगीत और भजन का भी इस्तेमाल हो सकता है ? मध्यप्रदेश के दतिया जिले में “मेरा बच्चा अभियान” में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया। इसके तहत जिले में भजन-कीर्तन आयोजित हुए। जिसमें पोषण गुरू कहलाने वाले शिक्षकों को बुलाया गया।
*गृह एवं जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का विधानसभा क्षेत्र है दतिया*
मध्यप्रदेश का दतिया लगातार विकास और सफलता के नए-नए आयाम छू रहा है। फिर चाहे नशे के खिलाफ मुहिम हो या कुपोषण के खिलाफ अभियान। दतिया ने राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपना डंका बजाकर सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। आपको बता दें कि दतिया मध्य प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का विधानसभा क्षेत्र है। डॉ. मिश्रा लगातार आने विधानसभा क्षेत्र में विकास के कार्यों के साथ साथ सामाजिक और धार्मिक कार्यों में भी बढ़चढ़ हिस्सा लेते हुए लोगों की भी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। जिसके फलस्वरूप यहां छोटे से छोटा अभियान भी जन आंदोलन बनकर खड़ा हो जाता है। डॉ. नरोत्तम मिश्रा अपने अविरल कार्यों के लिए जाने जाते हैं। वह किसी भी अभियान को उत्सव में बदल देते हैं। उसी का परिणाम है कि कुपोषण के खिलाफ ‘मेरा बच्चा अभियान’ को दतिया जिले के वासियों ने उत्सव के रूप में लिया और मटका अभियान चलाया, जिसमें दतिया जिले की महिलाओं ने एक-एक मुट्ठी अनाज उस मटके में डाला जिले के हर स्कूल में हर आंगनबाड़ी केंद्र में रखा गया था। मटके में जो अनाज का संग्रहण हुआ, उससे बच्चों को खाना खिलाया गया। कुपोषण के खिलाफ इस प्रकार के अभियान को देखकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दतिया की दिल खोलकर तारीफ की।
*कुपोषण से सुपोषण की यात्रा बना अभियान*
दतिया जिले को पोषण अभियान के तहत कुपोषण से मुक्त करने के लिए ‘मेरा बच्चा अभियान’ चलाया गया। इसके तहत जिले के चिन्हित कुपोषित बच्चों को सुपोषण की तरफ ले जाने के लिए प्रयास किया गया। पोषण अभियान का उद्देश्य बच्चों का वजन, ठिगनापन एवं शारीरिक अपक्षय की परेशानी को दूर करना एवं महिलाओं में खून की कमी का उपचार करना है। इसके लिए जिले में ‘मेरा बच्चा अभियान’ चलाया गया। यह अभियान कुपोषण से सुपोषण की यात्रा का अभियान बन गया। इस अभियान को लेकर लोगों की जागरूकता के साथ-साथ जनभागीदारी ने कुपोषण के खिलाफ इस अभियान को सफल बना दिया