रद्दी और कबाड बेचकर प्राचार्य हुए मालामाल,7 लाख के गबन का आरोप
भोपाल: एमएलबी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य मुकेश दीक्षित पर गंभीर अनियमितता के आरोप लगे हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। यह पांच सप्ताह में पूर्ण होगी और प्रतिवेदन आयुक्त कर्मवीर शर्मा के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
प्राचार्य दीक्षित पर आरोप है कि एमएलबी कालेज में विभागाध्यक्ष भूगोल के रूप में कार्य करते समय राष्ट्रीय संगोष्ठी 18-19 मार्च 2020 के नाम पर प्रतिभागियों से एक-एक हजार रुपये लेकर अपने पर्सनल एसबीआई के खाता क्र. 10199839352 आईएफएससी कोड: एसबीआईएन 0003863 में जमा कराई गई, जो करीब सात लाख रुपये की है। जबकि कालेज में संगोष्ठी नही है और न ही प्रतिभागियों की राशि वापस की गई। यह अत्यधिक गंभीर आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में आता है।
ऐसे हुए कबाड से मालामाल
डॉ. मुकेश दीक्षित प्रभारी प्राचार्य पर आरोप है की उनके द्वारा लाखों रुपए का सरकारी सामान बेचा गया। इसमें पुरानी रद्दी, पुराने कम्प्युटर, पुराने कुलर, पुराने गेट, पुरानी लोहे की जालिया एवं दरवाजे इत्यादि है। इनको बेचने के लिये किसी भी शासकीय प्रक्रिया का पालन नही किया गया, जिसमें उन्होंने काफी आर्थिक लाभ हुए हैं।
ड्राईवर लाईब्रेरी में पोस्टेड
वर्तमान में किसी भी प्रकार की नियुक्ति पर शासन द्वारा पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, बहुत ही आवश्यक होने पर आउटसोर्स से ही किसी को रखा जा सकता है। डॉ. मुकेश दीक्षित अपनी स्वयं की कार सुनील कुमार मालवी से चलवाते हैं। मालवी की उपस्थिति पुस्तकालय में दिखाते है। वर्तमान में मुकेश दीक्षित एमएलबी और नवीन कालेज के प्राभारी प्राचार्य हैं।