Prisoner hanged himself: कैदी ने जेल में लगाई फांसी, मचा हड़कंप

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Prisoner hanged himself: कैदी ने जेल में लगाई फांसी, मचा हड़कंप

राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: जिले के नौगांव नगर की जेल के अंदर उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक बंदी के जेल के अंदर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलते ही आनन-फानन में जेलर के साथ जेल प्रबंधन के अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक युवक दम तोड़ चुका था। यह लापरवाही कैसे हुई, यह अभी जांच का विषय है।
बंदी सुबह के समय बैरक से बाहर आया था इसके कुछ ही देर बाद उसने फांसी लगा ली। जेलर ने तत्काल सूचना जेलर सुप्रिटेंड के साथ पुलिस के आला अधिकारियों सहित राष्ट्रीय मानवाधिकार को दी।

घटना के बाद मृतक के परिजन जेल प्रबंधन पर आरोप लगाते नजर आया। हालांकि सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद उन्होंने शव को फंदे से उतारने की सहमति दी। सुबह से दोपहर के तक शव फांसी के फंदे पर ही लटका रहा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कथाई पाल पिता किचवा उम्र 35 साल निवासी ग्राम सरेड़ी ने वर्ष 2019 में नाबालिग से छेड़छाड़ की थी और उसे धारा 354 ख 7/8 पास्को एक्ट के तहत 6 दिसम्बर 2022 को चार साल की सजा सुनाई गयी। आरोपी जेल में बंद था। शुक्रवार की सुबह रोज की तरह बंदियों को नहाने के लिये बैरक से बाहर निकाला गया, इसी दौरान कथाई पाल जेल के बगीचे में गया और अमरूद के पेड़ से तौलिया के सहारे फांसी लगा ली। घटना सुबह करीब 7 बजे की बतायी जा रही है। जेलर अरविन्द्र खरे ने बंदी द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना सबसे पहले जेल सुप्रिटेंड सतना जेलर लीना कोस्टा को दी। इसके बाद नौगांव थाना प्रभारी, पुलिस के जिला अधिकारियों, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और परिजनों को सूचना दी गई।

घटना की जानकारी लगते ही जांच के लिये नौगांव न्यायाधीश मानवेन्द्र सिंह यादव भी जेल पहुंचे। उनके साथ एफएसएल टीम के डॉ. प्रदीप कुमार, जेके यादव, प्रतीक द्धिवेदी, सतीश यादव थे। यह जांच सुबह से शाम तक चली।

●परिजनों ने मुख्य द्वार को किया बंद..

घटना की जानकारी मिलते ही परिजन नौगांव जेल पहुंचे और जेल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाने लगे। इतना ही नहीं मृतक के परिजनों ने जेल का मुख्य द्वार भी बंद कर दिया। बाद में तहसीलदार सुनीता साहनी की समझाईश के बाद द्वार खोला गया। परिजनों को इस बात का भरोसा दिलाया गया है कि जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही होगी। परिजनों का कहना था कि जेल के अंदर कोई फांसी कैसे लगा सकता है, इनकी पहरेदारी के लिये जेल में इतने लोग हैं फिर भी घटना हो गई। घंटों इंतजार के बाद अधिकारियों ने यह तय किया कि परिजनों को सीसीटीवी फुटेज दिखाई जाए। जब परिजनों ने सीसीटीवी फुटेज देखी तब जाकर शव को उतारने की सहमति दी। इस पूरे मामले में वीडियो ग्राफी भी हुई है।

●पोस्टमार्टम के लिये पहुंचा शव, जांच के आदेश..

उपजेल नौगांव के जेलर अरविन्द खरे ने बताया कि बंदी ने बैरक से निकलने के बाद बगीचे में जाकर फांसी लगा ली। वह पटटी लांघकर बगीचे मे पहुंचा था। फांसी लगाने की जानकारी सभी अधिकारियों को दी गयी थी। मजिस्ट्रेट भी आये थे जिनके निर्देशन में शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया है। जांच जारी है, जिस प्रहरी की डयूटी थी उस पर विभागीय कार्यवाही की जायेगी।