
प्रो. मिलिन्द दत्तात्रेय दाण्डेकर बने मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के कुलगुरु, जानिए प्रो. दाण्डेकर का शैक्षणिक सफर
भोपाल। मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल को नया कुलगुरु मिल गया है। राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने आदेश जारी कर प्रो. मिलिन्द दत्तात्रेय दाण्डेकर को विश्वविद्यालय का कुलगुरु नियुक्त किया है। आदेश के मुताबिक, प्रो. दाण्डेकर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से चार वर्ष की अवधि अथवा सत्तर वर्ष की आयु, इनमें से जो पहले होगी, तक इस पद पर बने रहेंगे।
**नियुक्ति का आदेश**
राजभवन भोपाल से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह नियुक्ति मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय अधिनियम, 1991 (क्र. 20 सन् 1991) की धारा 09(1) और सहपठित परिनियम-1 की कंडिका-1 के तहत की गई है। आदेशपत्र पर कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने अपने हस्ताक्षर किए हैं।

**प्रो. दाण्डेकर का शैक्षणिक सफर**
– प्रो. मिलिन्द दत्तात्रेय दाण्डेकर वर्तमान में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंजीनियरिंग विभाग, श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (SGSITS), इन्दौर में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं
– इंजीनियरिंग क्षेत्र में उनके शोध, शिक्षण अनुभव और प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए उन्हें यह दायित्व सौंपा गया है।
– वे लंबे समय से तकनीकी शिक्षा और शोध के क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं।
– उद्योग और अकादमिक जगत के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया है।
– इन्दौर के एसजीएसआइटीएस जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से जुड़ाव ने उनकी अकादमिक पहचान को और सशक्त बनाया।
**भोज विश्वविद्यालय की भूमिका**
मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल की स्थापना वर्ष 1991 में हुई थी। यह प्रदेश का प्रमुख मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (Open and Distance Learning) संस्थान है, जो विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन करता है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य उन विद्यार्थियों तक उच्च शिक्षा पहुँचाना है, जो नियमित कॉलेजों से नहीं जुड़ सकते।
इस विश्वविद्यालय में प्रदेशभर के हजारों विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
यह विश्वविद्यालय डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में भी लगातार पहल कर रहा है।
नए कुलगुरु की नियुक्ति से उम्मीद जताई जा रही है कि विश्वविद्यालय गुणवत्ता और अनुसंधान के नए मानक स्थापित करेगा।
**सेवा शर्तें**
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रो. दाण्डेकर की सेवा शर्तें विश्वविद्यालय के परिनियम-1ए के अंतर्गत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार लागू होंगी।
आदेश में कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने प्रो. दाण्डेकर की नियुक्ति की घोषणा करते हुए भरोसा जताया है कि उनके नेतृत्व में भोज विश्वविद्यालय अकादमिक, शोध और नवाचार की दिशा में और मजबूती से आगे बढ़ेगा।
इस नियुक्ति के साथ अब उम्मीद की जा रही है कि भोज विश्वविद्यालय में शैक्षणिक कार्यों, प्रशासनिक सुधारों और विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने की दिशा में नए कदम उठाए जाएंगे।





