Profile Aadhaar Link is Mandatory : कर्मचारियों की पूरी प्रोफाइल आधार लिंक नहीं कराने पर डीडीओ का वेतन रुकेगा!

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Profile Aadhaar Link is Mandatory : कर्मचारियों की पूरी प्रोफाइल आधार लिंक नहीं कराने पर डीडीओ का वेतन रुकेगा!

मार्च से विशेष अभियान, लेकिन अभी तक सभी कर्मचारियों की एंट्री और लिंकिंग नहीं हुई!

Bhopal : शासकीय कर्मचारियों की प्रोफाइल को ‘इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल’ (IFMSP) पर समग्र आईडी और आधार से लिंक कराने के निर्देशों का पालन करना जरूरी हो गया। ऐसा नहीं करने वाले आहरण एवं संवितरण अधिकारियों (डीडीओ) पर अब वित्त विभाग ने सख्ती शुरू कर दी। वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन डीडीओ ने अपने अधिकार क्षेत्र के कर्मचारियों की पूरी प्रोफाइल लिंक नहीं कराई है, उनका जून माह का वेतन रोका जाएगा। भुगतान तभी किया जाएगा, जब वे संबंधित प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे कि सभी कर्मचारियों की समग्र आईडी और आधार लिंक का काम पूरा हो चुका है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 2 सितंबर 2024 को इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम में एम्पलाई प्रोफाइल की समग्र और आधार लिंकिंग से जुड़ा निर्देश जारी किया गया था। इसके बाद 14 सितंबर 2024 को वित्त विभाग ने भी सभी जिलों के कोषालय अधिकारियों और डीडीओ को यह कार्य शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए थे। मार्च 2025 में इसके लिए विशेष अभियान भी चलाया गया। लेकिन, अब तक सभी कर्मचारियों की एंट्री और लिंकिंग नहीं हो पाई है।

जरूरी काम पूर न होने और कर्मचारियों की प्रोफाइल अपूर्ण रहने के कारण वित्त विभाग ने अब सख्ती की है। जिलों के डीडीओ अब सक्रिय हो गए। कर्मचारियों पर इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम की प्रक्रिया जल्द पूरी कराने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया गया।

20% से ज्यादा की प्रोफाइल अधूरी

फाइनेंस डिपार्टमेंट द्वारा जारी ताजा स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में कुल 6,54,367 शासकीय कर्मचारी-अधिकारी हैं। इनमें से 5,15,971 की समग्र एंट्री हो चुकी है, यानी 20 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की प्रोफाइल अब भी अधूरी है।

इन विभागों की हालत सबसे खराब

सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जिस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने यह प्रक्रिया अनिवार्य की, उसकी अपनी प्रगति रिपोर्ट शून्य रही है। लोक परिसंपत्ति विभाग की स्थिति भी ऐसी ही पाई गई है। इसके अलावा जनजातीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा, परिवहन,पंचायत एवं ग्रामीण विकास, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,सामान्य प्रशासन,विधि एवं विधायी कार्य, संसदीय कार्य, वन और लोक निर्माण विभाग भी कम प्रगति वाले विभागों में शामिल हैं।

15 जिलों की परफॉर्मेंस सबसे कमजोर

वित्त विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 जिलों के कोषालयों का प्रदर्शन भी कमजोर पाया गया है। इनमें जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल, रायसेन, भिंड, सिंगरौली, नरसिंहपुर, रीवा, हरदा, सीहोर, सीधी, कटनी, दतिया, राजगढ़ और भोपाल की विंध्याचल ट्रेजरी शामिल हैं।