Project Vantara : अंबानी परिवार के ‘वनतारा प्रोजेक्ट’ की जांच, सुप्रीम कोर्ट ने SIT गठित की! 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित SIT तय मुद्दों पर जांच कर 12 सितंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी!

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Project Vantara : अंबानी परिवार के ‘वनतारा प्रोजेक्ट’ की जांच, सुप्रीम कोर्ट ने SIT गठित की! 

    New Delhi : रिलायंस फाउंडेशन के वनतारा प्रोजेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिकाएं दाखिल हुई थी। इनकी सुनवाई करते हुए जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता में SIT गठित की। इस SIT में उत्तराखंड और तेलंगाना हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस राघवेंद्र चौहान, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले और अनीश गुप्ता रहेंगे। SIT को 12 सितंबर 2025 तक रिपोर्ट देनी है और 15 सितंबर को फिर सुनवाई होगी।

याचिकाओं में कहा गया है कि कई हाथियों को मंदिरों और निजी मालिकों से बिना नियमों के लिया गया। कुछ विदेशी जानवरों को भी गलत तरीके से लाने का आरोप है। यह भी सवाल है कि जामनगर का मौसम सभी प्रजातियों के लिए ठीक है या नहीं। पैसों के लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी लगाए गए हैं। सबसे ज्यादा चर्चा तब हुई जब कोल्हापुर के जैन मंदिर से 30 साल की हथिनी महादेवी को जामनगर लाया गया।

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को सही माना, लेकिन महाराष्ट्र में लोगों ने इसका विरोध किया और प्रदर्शन हुए। इसी से वन तारा पर ज्यादा ध्यान गया। SIT यह देखेगी कि जानवरों को कैसे लाया गया और क्या कानून का पालन हुआ। इलाज की सुविधाएं, जानवरों की सेहत, मौत के मामले और पैसों का इस्तेमाल भी जांचा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित यह SIT जांच करेगी और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जांच के मुद्दे ये होंगे।

1- भारत और विदेश से पशुओं, विशेषकर हाथियों का अधिग्रहण।
2- वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 तथा उसके अधीन चिड़ियाघरों के लिए बनाए गए नियमों का अनुपालन।
3- वनस्पतियों और जीवों की लुप्तप्राय प्रजातियों के व्यापार पर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन (सीआईटीईएस) और जीवित जीवों पर।
4- पशुओं के आयात/निर्यात से संबंधित आयात/निर्यात कानूनों और अन्य वैधानिक आवश्यकताओं का अनुपालन।
5- पशुपालन, पशु चिकित्सा देखभाल, पशु कल्याण के मानकों, मृत्यु दर और उसके कारणों का अनुपालन।
6- जलवायु परिस्थितियों के संबंध में शिकायत और औद्योगिक क्षेत्र के निकट स्थान से संबंधित आरोप।

7- वैनिटी या निजी संग्रह, प्रजनन, संरक्षण कार्यक्रमों और जैव विविधता संसाधनों के उपयोग के संबंध में शिकायत। .

8- जल एवं कार्बन क्रेडिट के दुरुपयोग से संबंधित शिकायत।
9- कानून के विभिन्न प्रावधानों के उल्लंघन, पशुओं या पशु वस्तुओं के व्यापार, वन्यजीव तस्करी आदि के आरोपों से संबंधित शिकायतें, जैसा कि याचिकाओं में संदर्भित लेखों/कहानियों/शिकायतों में और सामान्य रूप से किया गया है।
10- वित्तीय अनुपालन, धन शोधन आदि के मुद्दों से संबंधित शिकायत।
11- इन याचिकाओं में लगाए गए आरोपों से संबंधित किसी अन्य विषय, मुद्दे या मामले के संबंध में शिकायत। .

बेंच ने की ये टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका में बिना किसी समर्थन सामग्री के केवल आरोप लगाए गए हैं। सामान्यतः ऐसी याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, इन आरोपों के मद्देनजर कि वैधानिक प्राधिकारी या न्यायालय अपने आदेश का पालन करने के लिए या तो अनिच्छुक हैं या असमर्थ हैं। विशेष रूप से तथ्यात्मक स्थिति की सत्यता के सत्यापन के अभाव में, हम न्याय की दृष्टि से एक स्वतंत्र तथ्यात्मक जांच की मांग करना उचित समझते हैं, जो कथित उल्लंघन, यदि कोई हो, को स्थापित कर सके।

क्या है ‘वनतारा प्रोजेक्ट’  
‘वनतारा’ यानी वन का तारा ये नाम है उस भव्य एनिमल वेलफेयर प्रोजेक्ट का, जिसे अनंत अंबानी ने गुजरात के जामनगर में तैयार कराया है। करीब 3000 एकड़ में फैला यह केंद्र किसी पांच सितारा रिसॉर्ट से कम नहीं। यहां हाथी, शेर, तेंदुआ, हिरण, कछुआ, घोड़े और सैकड़ों दुर्लभ प्रजातियों के जानवर रहते हैं। हर साल 150 से 200 करोड़ रुपए तक इन पर खर्च किए जाते हैं। जानवरों के लिए यहां है स्पेशल डाइट प्लान, इंटरनेशनल वेट डॉक्टर्स की टीम, एयर-कंडीशन्ड मेडिकल यूनिट्स, और मॉडर्न रिहैब सेंटर है।

यहां सिर्फ इलाज नहीं होता, जानवरों को दोबारा जंगल जैसी आजादी दी जाती है। कुछ जानवर तो अफ्रीका, थाईलैंड और अमेरिका से रेस्क्यू करके यहां लाए गए हैं। अनंत अंबानी खुद इस प्रोजेक्ट पर बेहद एक्टिव रहते हैं। हर फैसले में उनकी सीधी भागीदारी होती है। वनतारा न सिर्फ एनिमल लवर्स के लिए एक मिसाल है, बल्कि यह बताता है कि पैसे से सिर्फ महल नहीं, जानवरों का घर भी बनाया जा सकता है।