Property Cash Payment:कैश में करते हैं 20,000 रुपये से ज्यादा का लेनदेन? पेनल्टी में देनी पड़ जाएगी उतनी ही रकम, जानिए नियम

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Property Cash Payment:कैश में करते हैं 20,000 रुपये से ज्यादा का लेनदेन? पेनल्टी में देनी पड़ जाएगी उतनी ही रकम, जानिए नियम

भारत में लोगछोटी  से लेकर बड़ी खरीदारी तक में यूपीआई और कैश पमेंट का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कैश का इस्तेमाल आपको इनकम टैक्स पेनल्टी की तरफ भी ले जा सकता है।

अब प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री में दो लाख या उससे अधिक का नकद (cash) लेन-देन छिपाया नहीं जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर इस संबंध में जल्द ही एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार किया जाएगा।

आयकर विभाग की इंटेलिजेंस और क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन विंग ने पंजीयन विभाग के अफसरों को बताया कि अगर किसी दस्तावेज की रजिस्ट्री के दौरान खरीदार या विक्रेता यह दावा करता है कि सौदे में दो लाख रुपए या उससे अधिक का नगद भुगतान हुआ है, तो इसकी सूचना सीधे आयकर विभाग को देनी होगी। विभाग इस तरह के मामलों की जांच करेगा।

आयकर अधिनियम के तहत दो लाख या उससे अधिक का नकद भुगतान किश्तों में भी नहीं किया जा सकता। यानी कोई खरीदार यदि राशि को कई हिस्सों में कैश के रूप में चुकाने की कोशिश करता है, तो वह भी नियम का उल्लंघन माना जाएगा।

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 271DD के अनुसार, अगर आप किसी खरीदारी में या किसी लेनदेन में 20,000 रुपये से अधिक का पेमेंट कैश में करते हैं, तो आप पर इतनी ही रकम की पेनल्टी लग सकती है

दोस्त या रिश्तेदार से भी कैश में नहीं ले सकते पैसा

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 269SS के तहत लोगों के बीच पर्सनल ट्रांजेक्शंस में भी समान नियम लागू होता है। इनमें दोस्त और रिश्तेदार भी आ जाते हैं। इसके अनुसार, कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से 20,000 या इससे अधिक की रकम कैश में नहीं ले सकता है। इस रकम को चेक, बैंक ड्राफ्ट या निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक तरीकों जैसे- NEFT, RTGS, UPI आदि के माध्यम से ही लिया जा सकता है। अगर आपने किसी व्यक्ति से 20,000 रुपये या इससे अधिक की रकम कैश में ली है, तो आप पर उतनी ही रकम के बराबर पेनल्टी लग सकती है।