
उज्जैन, देवास, सतना सहित प्रदेश के 6 नगर निगमों में सम्पत्ति सर्वेक्षण अधूरा, नहीं बने नक्शे, CS बोले काम में तेजी लाए अफसर
भोपाल: नगरीय निकायों को आर्थिक रुप से सक्षम बनाने के लिए जीआईएस आधारित मानचित्र तैयार कर सम्पत्ति कर के दायरे और वसूली में इजाफा करने की कवायद की जा रही है लेकिन अभी तक उज्जैन, सतना और देवास सहित छह नगर निगमों में यह काम पूरा नहीं हो पाया है।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों से कहा है कि प्रदेशभर के सभी निकायों में जीआईएस आधारित नक्शे तैयार करने के काम में तेजी लाएं ताकि निकायों की राजस्व आय बढ़े और वे आत्मनिर्भर हो सके।
मंत्रालय में नगरीय निकायों में बन रहे जीआईएस आधारित नक्शों के काम की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने यह निर्देश दिए।
प्रदेश के नगरीय निकायों की कार्य प्रणाली में सुधार कर पारदर्शिता लाने और कार्यक्षमता में वृद्धि करने के लिये नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने शहरी सुधार कार्यक्रम योजना लागू की है। नगरीय निकायों की लेखा प्रणाली के संभूति आधारित द्विप्रविष्टीय लेखा प्रणाली में परिवर्तन करने के लिये कार्य किया गया है। प्रदेश की 369 निकायों में यह कार्य पूर्ण किया जा चुका है। नवगठित 44 निकायों में निविदाएं आमंत्रित करने की कार्रवाई तेजी से की जा रही है।
प्रदेश के नगरीय निकायों में जी.आई.एस. आधारित मानचित्र तैयार कर संपत्ति कर के दायरे और वसूली में वृद्धि किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। जीआईएस आधारित बहुउद्देशीय पारिवारिक सर्वेक्षण कार्य के अंतर्गत प्रदेश की सभी 413 नगरीय निकायों का आधार मानचित्र कार्य पूरा कर लिया गया है। इसी के साथ नगर निगम मुरैना सहित 294 नगरीय निकायों में संपत्ति सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जा चुका है। प्रदेश की 119 नगरीय निकायों में कार्य प्रगति पर है। राज्य के 15 नगर निगमों में से 9 नगर निगमों में संपत्ति सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जा चुका है। अब शेष रह गये 6 नगर निगमों में सर्वेक्षण का काम तेजी से किया जा रहा है।
राज्य शासन द्वारा प्रदेश के नगरीय निकायों को राजस्व संग्रहण के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रोत्साहन पुरस्कार राशि प्रदान की जा रही है।
नगरीय निकायों में राजस्व संग्रहण को बढ़ाने के लिये लगातार समीक्षा करने के भी निर्देश दिये गये हैं। जिन नगरीय निकायों में राजस्व संग्रहण में वृद्धि हुई है, उन्हें अनुदान राशि विभाग जारी करेगा।





