Protection from Heat;लू से बचाव: जानिए क्या क्या सावधानियाँ है जरूरी,
घर से निकलने से पहले 3-4 ग्लास पानी पियें
भोपाल: स्वास्थय विभाग द्वारा शासन के निर्देशानुसार लू से बचाव(protection from heat) के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा अपने भ्रमण के दौरान आम जन को लू से बचाव के उपाय व सावधानियाँ बताई जा रही है।
गर्म हवा और सूरज की तपिश से लू लगने की संभावना अधिक बढ़ गई है। जिस कारण सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इस बावत सभी चिकित्सकों एवं स्टाफ को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
साथ ही लोगों से अपील की है कि वह बिना भोजन किये धूप में न निकलें,पानी अधिक पियें, अधिक समय तक धूप में खड़े होकर मेहनत के कार्य न करने की अपील की गई है।
गर्मी में भोज्य पदार्थ जल्दी खराब होते है,इसलिए डायरिया फैलने की आशंका अधिक रहती है। इसके अलावा अधिक निकलने से शरीर में पानी व खनिज लवणों की भी कमी होने लगती है। इसलिए घर से निकलते समय विशेष सावधानियाँ बरतना अति आवश्यक है।
झोला छाप डॉक्टरों से बचें और अपने मन से ग्लूकोज की बोतल (आई.व्ही.फ्लूड) न लगवायें, लू के शिकार व्यक्ति को यदि यूरिन पास करने में परेशानी हो तो घर पर उपचार न करें, उसे डॉक्टर को दिखायें।
हाथ पैरों में जलन,थकान व शरीर का तापमान बढ़ना लू के लक्षण हैं। ऐसे लोगों को तत्काल ठंडक में लिटायें और कपड़े ढीले कर दें। लू लगने पर तलवों में लौकी के रस की मालिश करें, बर्फ की पट्टी रखें, शिकंजी ग्लूकोज का घोल,कैरी का पना व शरबत पिलायें।
(protection from heat)
घर से निकलने से पहले 3-4 ग्लास पानी पियें और जहाँ जायें वहाँ भी पेट भर पानी पियें। कान, सिर व सिर के पीछे का हिस्सा ढंक कर चलें, रंगीन चश्मा लगायें .
घुटन भरी रेल व बस एवं पैदल यात्रा से बचें। खाने पीने हेतु स्वच्छ एवं सुरक्षित पानी का उपयोग करें। बाजार में उपलब्ध सभी पेय पदार्थों की ताजगी एवं शुद्धता पर भी निगरानी रखी जावे। सदैव शौच से आने के बाद हाथ साफ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोयें। खाना बनाने, परोसने व खाने से पहले हाथ साफ पानी व साबुन से अच्छी तरह धोवें। ताजे बने भोजन व खाद्य वस्तुओं का ही सेवन करें। ज्यादा देर का बना भोजन व बासी खाद्य वस्तुओं का सेवन न करें। सदैव भोजन व अन्य खाद्य सामाग्रियों को सही ढक्कन से ढक कर रखें ताकि उसे मक्खियों व धूल से दूषित होने से बचाया जा सके। इसी तरह बाजार में बिकने वाली खाद्य सामाग्रियों पर निगरानी रखी जावे। पानी के लिए सुरक्षित पेयजल स्रोतों का ही उपयोग करें। गंदे,सड़े गले व कटे हुए फलों का एवं बाजार में खुले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। सब्जियों व फलों को साफ पानी से धोने के बाद ही उपयोग करें। सब्जियों व फलों को साफ व धुले हुए चाकू से काटें। शौचालय को स्वच्छ रखें।
अगर किसी व्यक्ति को लू लगने के लक्षण हो तो तुरंत निकट के स्वास्थ्य केन्द्र पर उपचार के लिये जायें।