Protection of Journalists : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश ‘सरकार की आलोचना पत्रकारों की गिरफ्तारी का कारण नहीं बने!’

पत्रकार अभिषेक उपाध्याय की याचिका पर UP सरकार को नोटिस और पत्रकार को संरक्षण!

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Protection of Journalists : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश ‘सरकार की आलोचना पत्रकारों की गिरफ्तारी का कारण नहीं बने!’

New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने दायर एक याचिका पर सुनवाई में कहा कि लोकतांत्रिक देशों में विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है। पत्रकारों के अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत संरक्षित हैं। इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पत्रकार अभिषेक उपाध्याय को अंतरिम सुरक्षा प्रदान की। उपाध्याय पर उत्तर प्रदेश प्रशासन में नियुक्तियों में जातिगत गतिशीलता पर एक्स पर एक पोस्ट लिखने के लिए एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था।

जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने उपाध्याय द्वारा उनके खिलाफ मामला रद्द करने के लिए दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से भी जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी को नोटिस जारी किया जाए। इस बीच याचिकाकर्ता को अंतरिम संरक्षण प्रदान किया जाता है।

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत पत्रकारों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर भी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि किसी पत्रकार के खिलाफ सिर्फ इसलिए आपराधिक मामला नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि वह सरकार की आलोचना करता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक देशों में अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है। पत्रकारों के अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत संरक्षित हैं। केवल इसलिए कि किसी पत्रकार के लेखन को सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाता है, लेखक के खिलाफ आपराधिक मामला नहीं चलाया जाना चाहिए। कोर्ट ने आगे स्पष्ट किया कि उपाध्याय को आज प्रदान की गई सुरक्षा भविष्य में उसी मुद्दे पर उनके विरुद्ध दर्ज की जाने वाली सभी प्राथमिकी (एफआईआर)/आपराधिक मामलों पर भी लागू होगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ‘एक्स’ पर लिखा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, ‘सुप्रीम’ न्याय। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को ईश्वर बताकर मेरे ख़िलाफ़ की गई एफ़आईआर पर मुझे प्रोटेक्शन देते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी कर दी है। पत्रकारीय धर्म को निभाने के क्रम में हुई ऐसी किसी भी एफ़आईआर में पुलिस को Coercive action लेने से रोक दिया है।’