आइए जानते हैं कैसे protein संक्रमण से रिकवर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
कोरोना से लम्बी लड़ाई के बाद शरीर की इम्यूनिटी कम हो जाती है और एंटीबॉडीज की संख्या घट जाती है
कोरोना से लम्बी लड़ाई के बाद शरीर की इम्यूनिटी कम हो जाती है और एंटीबॉडीज की संख्या घट जाती है.शरीर का इम्यून सिस्टम एक लम्बे समय तक संक्रमण से लड़ने की कोशिश करता है। खासकर उस समय जब आप कई दिनों तक बिस्तर पर लेटे रहते हैं। इस वजह से शरीर में कमजोरी आ जाती है।
– कोरोना से लम्बी लड़ाई के बाद शरीर की इम्यूनिटी कम हो जाती है और एंटीबॉडीज की संख्या घट जाती है। शरीर में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा एंटीबॉडीज को बनने में मदद करती है। इसलिए शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए इम्यूनिटी जरूरी है, यह प्रोटीन से संभव है।
– प्रोटीन शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करता है। इसके काम करने की क्षमता को बढ़ाता है। प्रोटीन की मदद से मांसपेशियों के सिकुड़ने और खिंचने की क्षमता बेहतर हो जाती है।
– प्रोटीन शरीर में नए कोशिकाओं को तैयार करने और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है। ये कोशिकाएं बहुत जरूरी हैं, क्योंकि पूरा शरीर करोड़ों कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। इसलिए इनका स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है।
– शरीर में एनर्जी और ब्लड में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा होनी जरूरी है। इन दोनों कामों के लिए प्रोटीन अहम है। इसके अलावा यह DNA और RNA को रेग्युलेट करता है।
शाकाहार: दूध, दूध से बने उत्पाद, टोफू, दालें, बादाम, छोले, पनीर, ब्रॉकली, स्प्राउट आदि।
मांसाहार: अंडा, फिश, चिकन, झींगा मछली आदि।
कितना प्रोटीन लेना चाहिए?
कई रिपोर्ट कहती हैं, प्रोटीन कितना लेना चाहिए यह इंसान की जरूरत पर निर्भर है। आसान भाषा में समझें तो इंसान का जितना वजन होता है, उतने ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए। जैसे आपका वजन 60 किलो है तो एक दिन में 60 ग्राम प्रोटीन ले सकते हैं। अगर किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो हो सकता है कि आपको प्रोटीन की जरूरत ज्यादा हो, इसलिए डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर लें।