Protest against idol of Shankaracharya : ओंकार पर्वत पर शंकराचार्य की मूर्ति का विरोध   

मूर्ति को सरकार पर्वत की जगह घाट पर स्थापित करें

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   Indore : ओंकारेश्वर पर्वत पर प्रदेश सरकार द्वारा स्वामी शंकराचार्य की 108 फ़ीट ऊंची प्रतिमा स्थापित कर पर्यटन स्थल बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया। इसका परशुराम सेना ने विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन इंदौर के संभाग आयुक्त कार्यालय में दिया।

ओंकार पर्वत पर स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में चौथा स्थान ओंकारेश्वर मंदिर का माना जाता है, जो नर्मदा नदी के बीच स्थित हैं। यहाँ के पर्वत पर लगभग 5 से 6 हजार वृक्ष एवं 50 से ज्यादा मंदिर स्थिति है। उन मंदिरों में लोगों द्वारा श्रद्धा पूर्वक पूजा-पाठ भी किया जाता है। लेकिन पर्वत पर एक पर्यटन स्थल स्थापित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने का कार्य शुरू किया गया है, जिस कारण माँ नर्मदा का एक अभिषेक मार्ग बंद कर दिया गया।

 आम श्रद्धालुजनों को परिक्रमा मार्ग भी बंद होने की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते परशुराम सेना के द्वारा विरोध करते हुए पर्वत को बचाते हुए एवं श्रद्धालुओं की श्रद्धा को देखते हुए शंकराचार्य की मूर्ति को सामने वाले घाट पर स्थापित करने की मांग करते हुए ज्ञापन दिया।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 9 फरवरी 2017 को नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान ओंकारेश्वर में तीन संकल्प लिए थे। इनमे पहला था मांधाता पर्वत में 108 फीट की भगवान आदि शंकराचार्य की मूर्ति स्टैचू ऑफ वन नेस का निर्माण कराना। भगवान आदि शंकराचार्य की 108 फीट की मूर्ति स्टैचू ऑफ वन नेस (एकात्मता की मूर्ति) के लिए टर्नर कोनसेसियम को अपॉइंटमेंट (अनुबंधित) किया गया है, जिन्होंने स्टेचू आफ यूनिटी और बुर्ज खलीफा जैसी इमारतों के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।