Protest Against Sand Mafia : रेत माफिया के खिलाफ कांग्रेस MLA 22 अगस्त से धरना देंगे!
मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट
Manawar : ‘नर्मदा किनारे के प्रतिबंधित क्षेत्र में रेत खनन का अवैध कारोबार लगातार जारी है। लेकिन, क्या यह कारोबार सरकार के संरक्षण में चल रहा है! यदि नहीं तो फिर अवैध रेत संग्रह की जानकारी देने के बावजूद खनिज अधिकारी रेत माफियाओं पर कार्रवाई क्यों नहीं करते! क्योंकि, खनिज अधिकारी धार जिले का ही नहीं बल्कि, प्रदेश का सबसे भ्रष्ट अधिकारी है। इसीलिए मैं 22 अगस्त से रेत माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ धरने पर बैठूंगा!’
यह बात मनावर के कांग्रेस विधायक डाॅ हीरालाल अलावा ने ग्राम रतवा में कही। वे ग्रामीणों से संवाद कर रहे थे। डाॅ अलावा ने बताया कि साल भर पहले नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर के साथ इस क्षेत्र में आए थे, तब खनिज अधिकारी ने एक जेसीबी व ट्रैक्टर जब्त किए थे। ग्रामीणों द्वारा अवैध रेत खनन के खिलाफ कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किया जाता है, लेकिन दो-चार ट्राली रेत जब्त कर खाना-पूर्ति कर देते है। जबकि, ग्राम रतवा में रेत की कोई खदान नहीं है। नर्मदा किनारे का यह क्षेत्र एनवीडीए के अधीन होकर रेत खनन के लिए प्रतिबंधित है।
डाॅ अलावा ने बताया कि रेत माफियाओं द्वारा नर्मदा नदी को खोखला करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। अवैध रेत संग्रह के खिलाफ जानकारी देने के बाद भी खनिज अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। जिन रेत माफियाओं पर कार्रवाई की जानी चाहिए, उन्हीं के साथ मिलकर रेत जब्त करना बता रहे है। विधायक ने बताया कि रेत माफियाओं का इतना आतंक है कि उनके द्वारा कई बार शिकायत करने वाले ग्रामीणों को जान से मारने की धौंस दी जाती है।
कुछ वर्ष पूर्व नर्मदा किनारे के ग्राम बड़दा में रेत माफियाओं द्वारा तीन ग्रामीणों की हत्या तक की जा चुकी है। क्योंकि खनिज अधिकारी कार्रवाई न कर रेत माफियाओं के साथ मिलकर धंधा कर रहे है। यह अवैध रेत का कारोबार 50 से 60 करोड़ तक का है। लगता है कि सरकार नर्मदा की छाती छलनी करना चाहती है। सरकार के संरक्षण में ही रेत का यह काला कारोबार चल रहा है। विधायक ने भ्रष्ट खनिज तथा प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि इसलिए 22 अगस्त से वे जिला कार्यालय पर धरना देंगे।