Protest Against Slaughter House : स्लॉटर हाउस के विरोध में हिंदू संगठन सड़क पर, जेसीबी से बाउंड्रीवाल ढहाई, विधायक भी विरोध में उतरे!

ग्रामीणों ने चेतावनी दी, गौवंश की हत्या नहीं होने देंगे, मामला भांग माफिया मंजूर से जुड़ा!

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Protest Against Slaughter House : स्लॉटर हाउस के विरोध में हिंदू संगठन सड़क पर, जेसीबी से बाउंड्रीवाल ढहाई, विधायक भी विरोध में उतरे!

देखिए VDO : विधायक मनोज पटेल ने क्या चेतावनी दी!

Indore : देपालपुर तहसील के लीलेड़ीपुरा गांव में निर्माणाधीन स्लॉटर हाउस (बूचड़खाना) को लेकर मंगलवार को हिंदू संगठनों ने बड़ा प्रदर्शन किया। सुबह माचल से बेटमा तक निकाली गई रैली में बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिलाएं और युवाओं ने भाग लिया। सर्व हिंदू समाज, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और धर्म रक्षा समिति के नेतृत्व में निकाली गई इस रैली में गौ हत्या नहीं होने देंगे, स्लॉटर हाउस नहीं बनने देंगे जैसे नारे गूंजे। बेटमा तहसील कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शनकारियों ने नायब तहसीलदार लोकेश आहूजा को ज्ञापन सौंपा। इसी दौरान कार्यालय के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।

दोपहर बाद विरोध और तीव्र हो गया। विधायक मनोज पटेल की मौजूदगी में प्रदर्शनकारी निर्माणाधीन स्लॉटर हाउस पहुंचे और जेसीबी से उसकी बाउंड्रीवाल गिरा दी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्लॉटर हाउस बनने से गौवंश की हत्या बढ़ेगी और अवशेष खुले में फेंके जाएंगे। इससे क्षेत्र में बदबू, गंदगी और बीमारियों का खतरा रहेगा। गंभीर नदी पास होने से जल प्रदूषण की भी आशंका जताई गई है। यह नदी इंदौर तक जाती है, जिससे पूरे शहर के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।

सबसे ज्यादा विरोध इस बात को लेकर है कि नगर निगम अपनी सीमा से बाहर जाकर स्लॉटर हाउस बनवा रही है और निगम के एमआईसी मेंबर उसमें रुचि ले रहे हैं। स्थिति को देखते हुए एसडीओपी संघप्रिय सम्राट, थाना प्रभारी मीना कर्णावत समेत पुलिस बल तैनात रहा। हालांकि माहौल तनावपूर्ण रहा, फिर भी किसी बड़े विवाद की सूचना नहीं थी।

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मामला भांग माफिया मंजूर से जुड़ा
स्लॉटर हाउस की जमीन और गतिविधियां कुख्यात भांग तस्कर मंजूर उर्फ मुजाहिद खान से जुड़ी बताई जा रही हैं। उस पर 15 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें एनडीपीएस, आबकारी और मारपीट जैसी धाराएं शामिल हैं। उसकी अवैध भांग फैक्ट्री पहले ही सील हो चुकी है। मनीष सिंह जब कलेक्टर थे, तब प्रशासन ने उस पर रासुका की कार्रवाई भी की थी। यहां तक कि उसे देवास जिले की एक पंचायत के सचिव पद से भी हटा दिया गया था। बताया गया कि एमआईसी सदस्य अश्विन शुक्ला मंजूर को जमीन दिखाने लाए थे। स्लॉटर हाउस को नया तकनीकी नाम देकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश भी की गई।

कांग्रेस ने भी उठाए सवाल
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एडवोकेट प्रमोद कुमार द्विवेदी ने भाजपा की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब कांग्रेस सरकार थी, तब स्लॉटर हाउस का विरोध भाजपा और संघ ने किया था। अब वही भाजपा सरकार इसे मंजूरी दे रही है। संघ और हिंदू संगठनों की चुप्पी भी अब सवालों के घेरे में है।