

PS Annoyed: अनावश्यक जांच और दस्तावेजों की कमी बता वृद्ध, दिव्यांग और महिलाओं को योजनाओं का लाभ देने में देरी करते है अफसर!
कलेक्टरोें को दिए निर्देश- ऐसे अफसरों को चिन्हित कर करें दंडित
भोपाल. मध्यप्रदेश में समाज के सबसे कमजोर और जरुरतमंद वर्ग, वृद्ध, दिव्यांगजन, कल्याणी, निराश्रित, अविवाहित महिलाओं की मदद करने राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही है लेकिन जिलों में मैदानी अफसर विभिन्न योजनाओं के लिए प्राप्त आवेदन अनावश्यक जांच, दस्तावेजों का अभाव बता कर बहुत अधिक समय तक लंबित रखते है। सामाजिक न्याय विभाग के प्रमुख सचिव ने कलेक्टरों से कहा है कि ऐसे अफसरों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जुर्माना लगाए और उन्हें दंडित करें।
विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न समीक्षा बैठकों में पाया गया है कि वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांग पेंशन, कल्याणी पेंशन, मुख्यमंत्री दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह प्रोत्साहन योजनाएं जिनका आनलाईन क्रियान्वयन पेंशन पोर्टल, विवाह पोर्टल और स्पर्श पोर्टल के माध्यम से किया जाता है उनमें आवेदनों को अनावश्यक जांच और दस्तावेजों का अभाव बता कर बहुत अधिक समय तक लंबित रखे जा रहे है। मुख्यमंत्री समाधान आनलाईन में प्राय: विभाग की योजनाओं के प्रकरणों को चयनित किया जाता है। प्रकरणों में जिला स्तर पर स्थानीय स्तर पर कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण अप्रिय स्थिति निर्मित होती है। योजनाएं लोक सेवा गारंटी अधिनियम में भी अधिसूचित है। समस्त योजनाओं में स्वीकृति के अधिकारी जिला , निकाय स्तर पर पदाभिहित अधिकारी को दिए गए है जिसमें आवेदन का निराकरण करने की समयसीमा निर्धारित है।
यदि किसी आवेदन में कोई दस्तावेज अथवा जांच अपेक्षित भी हो तो उसका निराकरण भी समयसीमा में किया जाना अनिवार्य है। विलंब से निराकरण करने पर संबंधित पदाभिहित अधिकारी के विरुद्ध लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत शास्ति अधिरोपित की जा सकती है। वीडियो कांफ्रेसिंग में भी लगातार विभागीय समीक्षा कर आवेदनों का निराकरण करने के विभाग ने निर्देश दिए है।
विभाग के विभिन्न पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के निराकरण की समीक्षा हेतु संबंधित पदाभिहित अधिकारी और जिला कार्यालय के लागइन पर डेशबोर्ड और विभिन्न रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है इनकी वरिष्ठ स्तर पर समीक्षा करने पर निश्चित ही आवेदनों का निराकरण समयसीमा में हो सकता है। सभी प्रकरणों को अविलंब निराकृत कराने के निर्देश उन्होंने कलेक्टरों को दिए है।