PSC Exam : लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में प्रश्न पत्रों की रचना पर राष्ट्रीय सेमिनार!
Indore : मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पत्र रचना के विविध आयाम विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में देश के विभिन्न हिस्सों से आए शिक्षाविदों ने भाग लिया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो राजेशलाल मेहरा ने कहा कि आयोग के महत्वपूर्ण कार्यों में परीक्षा करवाना सर्वोपरि है। परीक्षा की पवित्रता बनी रहे, प्रत्येक चरण में उसकी गोपनीयता व गरिमा बनी रहे। परीक्षा त्रुटि रहित हो यह अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है और वस्तुत: यही आयोग की परीक्षा भी है। समाज की अनेक दृष्टियां सतत उसका मूल्यांकन करती रहती हैं। विभिन्न कसौटियों पर वह खरा उतरे इसके लिये सदैव सचेष्ट होकर तत्परता से कार्य करना होता है। इन कार्यों में आयोग परिवार के साथ अनेक विद्वानों की महती भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ सुनिश्चित होती हैं। इस सेमिनार का यही उद्देश्य है कि प्रश्न पत्रों की रचना में इसकी गोपनीयता, गरिमा, पवित्रता बनी रहे और परीक्षा के प्रश्न पत्रों का स्वरूप सौ फीसदी त्रुटि रहित हो।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव प्रबल सिपाहा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि परीक्षा संचालन के क्रम में प्रश्न पत्रों को तैयार किया जाना एक महत्वपूर्ण भाग होता है। इसका व्यवस्थित और सुगठित होना परीक्षा की गुणवत्ता को निर्धारित करता है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग इसके लिए सदैव प्रयत्नशील रहा है।
इस राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार में देश के विभिन्न हिस्सों से आए शिक्षाविदों के अनुभवों और चिंतन का लाभ निश्चित रूप से लोक सेवा आयोग को प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में चिंतन विमर्श और प्रशिक्षण से हम परस्पर एक दूसरे की ज्ञान सम्पदा को और समृद्ध करेंगे।
राष्ट्रीय सेमिनार के प्रथम तकनीकी सत्र में सदस्य मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग डॉ कृष्णकांत शर्मा अध्यक्ष निजी विश्वविद्यालय शुल्क नियामक आयोग, डॉ आरआर कान्हेरे एमपी शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ अमिय पहारे तथा द्वितीय तकनीकी सत्र में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य डॉ देवेन्द्र मरकाम, डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ आरपी मिश्रा, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के प्राध्यापक डॉ कृष्ण मोहन, साँची विश्वविद्यालय रायसेन के कुलसचिव डॉ अलकेश चतुर्वेदी तथा तृतीय तकनीकी सत्र में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य डॉ कृष्णकांत शर्मा, शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम के प्राध्यापक डॉ विनोद शर्मा, उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान भोपाल के प्राध्यापक डॉ मनीष शर्मा एवं समापन सत्र में निवृत्त कुलपति महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय उज्जैन प्रो मिथिला प्रसाद त्रिपाठी ने उद्बोधन दिया। राष्ट्रीय सेमिनार के समापन के अवसर पर प्रमाण पत्र का वितरण किया गया।