PUBG Addiction : जान की दुश्मन बनी ‘पबजी’ की लत, परिवार ने रोका तो बेटे ने जहर खाकर जान दे दी!
Indore : मोबाइल पर बच्चे, खासकर स्टूडेंट ऑनलाइन गेम खेलते हैं। इन गेमों में वे इतने मग्न हो जाते हैं कि कई बार भूख प्यास भी नहीं लगती। माता-पिता गेम खेलने से मना कर दें तो वे जान देने से भी पीछे नहीं हटते। ऐसा ही एक मामला बाणगंगा थाना क्षेत्र के नंदबाग में हुआ।
यहां एक युवक मोबाइल पर घंटों पबजी गेम खेलता था। उसे माता पिता ने खेलने से रोका और उसका मोबाइल छीन लिया तो उसने शनिवार जहर खाकर जान दे दी। पुलिस के मुताबिक, मृतक का नाम कृष्णा पिता लाल बहादुर (20 साल) है। परिजनों ने बताया कि वह मोबाइल में काफी देर तक पबजी गेम खेलता था। इसके चलते न तो ठीक से पढ़ाई करता था और न खाना खाता था। उसे पबजी की लत बुरी तरह लग चुकी थी, इस वजह से मां ने उसका मोबाइल छीनकर घर में रख लिया था। मृतक पिछले कुछ दिनों से लगातार परिजनों से मोबाइल वापस मांग रहा था, लेकिन उसकी पबजी छुड़ाने के लिए उन्होंने उसे मोबाइल नहीं दिया। इसी बात से नाराज होकर युवक ने आत्महत्या कर ली। बाणगंगा थाना प्रभारी लोकेंद्र सिंह भदोरिया के मुताबिक मामले की जांच आगे बढ़ाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
मोबाइल छीनने से था नाराज
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि मोबाइल छीनने के बाद से ही छात्र परिजनों से नाराज था। मोबाइल वापस नहीं मिलने की वजह से उसने जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस को अस्पताल से ही घटना की जानकारी मिली, जिसके बाद मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। बाणगंगा पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की हर संभावित एंगल से जांच शुरू कर दी है।
गेमिंग की लत बन रही मुसीबत
डिजिटल गेमिंग की लत लगातार चुनौती बनती जा रही है। इससे बचने के लिए माता-पिता और अभिभावकों को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें गेमिंग की लत से बचाने कदम उठाने चाहिए। यह समय है कि हम डिजिटल गेमिंग की लत के बारे में जागरूकता बढ़ाएं और बच्चों को स्वस्थ ऑनलाइन आदतें विकसित करने में मदद करें।