Public Health Cadre : 195 डॉक्टर्स को मिला पब्लिक हेल्थ कैडर
Bhopal : सरकारी डॉक्टर अब दफ्तरों में बैठकर अफसरी और बाबूगिरी नहीं कर सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर बड़ी तैयारी की है। केंद्र सरकार द्वारा जारी इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टेंडर्ड (IPHS) के तहत पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर में डॉक्टरों का चयन किया गया है। प्रदेश भर से 363 डॉक्टरों ने विकल्प दर्ज किए थे इनमें से जांच और स्क्रूटनी के बाद मापदंड पूरे करने वाले 195 डॉक्टरों को पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर के लिए चयनित किया गया है। ये डॉक्टर अब भोपाल के स्वास्थ्य संचालनालय, एनएचएम, एड्स कंट्रोल सोसाइटी से लेकर जिलों में प्रशासनिक पदों पर सेवाएं देंगे।
पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर में भोपाल के 22 डॉक्टर चयनित हुए हैं। इनमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी की पत्नी के अलावा स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल में उप संचालक डॉ इंद्रजीत सिंह सिकरवार, डॉ ओपी तिवारी, डॉ निधि पटेल, डॉ प्रमोद गोयल, डॉ हिमांशु जायसवाल, डॉ पंकज बुधौलिया,डॉ राधिका गुप्ता, डॉ विजय मोहरे, डॉ प्रमोद खरे (एसटीडीसी), डॉ हेमंत पंचोली (एमपी हेल्थ कॉर्पोरेशन), आरजेडी ऑफिस में पदस्थ स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी की पत्नी डॉ नीरा चौधरी और डॉ मोहम्मद शाहिद शेख भी इस कैडर में सिलेक्ट हुए हैं।
इसके अलावा भोपाल के सीएमएचओ ऑफिस में पदस्थ डॉ केसी रायकवार, जेपी अस्पताल के डॉ अभय कुमार खरे, डॉ रचना दुबे, डॉ नीलम गुप्ता, डॉ मनोज हुरमाडे, डॉ गिरीश कुमार, डॉ अर्चना मिश्रा, डॉ रमेश वर्मा, डॉ पूनम श्रीवास्तव और सिविल डिस्पेंसरी बरखेडा पठानी के डॉ एसके द्विवेदी को चयनित किया गया।
कैबिनेट ने दी मंजूरी
मौजूदा संयुक्त संचालकों को वरिष्ठ संयुक्त संचालक कहा जाएगा। कैबिनेट ने गत 24 मई को स्वास्थ्य विभाग में चार नए कैडर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके बाद से विभाग में चारों कैडर के गठन का काम चल रहा है स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले डॉक्टर कैडर, स्पेशलिस्ट कैडर और पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर में प्रमोशन से भरे जाने वाले पदों को क्रमोन्नत वेतनमान के पद में बदला जाएगा और चार स्तरीय वेतनमान के अनुसार पद भरे जाएंगे। इससे डॉक्टरों के प्रमोशन का रास्ता साफ होगा। ये होंगे चार कैडर डॉक्टर कैडर, स्पेशलिस्ट कैडर, पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट और हॉस्पिटल कैडर।
20 प्रतिशत पद प्रमोशन से
नए कैडर बनने से विभाग के कर्मचारियों का भी फायदा होगा। अस्पतालों में असिस्टेंट मैनेजर के 80 प्रतिशत पद सीधी भर्ती और 20 प्रतिशत प्रमोशन के माध्यम से भरे जाएंगे। इन 20 प्रतिशत पदों पर क्लर्क और नर्सिंग कैडर को 15 साल की नौकरी पूरी करने वाले कर्मचारियों से भरा जाएगा।