Punished for Indecency With Woman : महिला कर्मी से अभद्रता पर सहायक आयुक्त का इंक्रीमेंट रोका! 

अपर आयुक्त ने जारी आदेश में सभी वर्तमान दायित्वों से भी मुक्त किया!

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Punished for Indecency With Woman : महिला कर्मी से अभद्रता पर सहायक आयुक्त का इंक्रीमेंट रोका! 

 

Indore : नगर निगम में महिला कर्मचारी के साथ अभद्रता करने वाले प्रभारी सहायक आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई की गई। उनकी एक वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) रोकने के आदेश दिए गए। साथ ही वर्तमान दायित्व भी छीन लिए हैं। इसके अलावा मामले से जुड़े दो और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गई।

स्वास्थ्य विभाग प्रधान कार्यालय में कार्यरत महिला कर्मचारी के साथ अमर्यादित व अभद्र व्यवहार करने की शिकायत निगम आयुक्त हर्षिका सिंह तक पहुंची थी। शिकायत में प्रभारी सहायक आयुक्त गोविंद कौशल (मूल पद क्लर्क) में अमर्यादित व अभद्र व्यवहार करने का आरोप महिला कर्मचारी ने लगाया था। इसके बाद निगम आयुक्त ने मामले की जांच विशाखा समिति को सौंपी थी।

समिति ने जांच कर अपनी रिपोर्ट निगम आयुक्त को प्रस्तुत की। इस पर उन्होंने जांच प्रतिवेदन के निष्कर्ष के आधार पर प्रभारी सहायक आयुक्त कौशल पर कार्रवाई करने के निर्देश स्वास्थ्य-स्थापना के अपर आयुक्त को जारी किए। इसके परिपालन में स्वास्थ्य स्थापना के अपर आयुक्त ने कौशल की एक वेतनवृद्धि रोकने के साथ स्थापना व स्वास्थ्य स्थापना के सौंपे गए कार्य से मुक्त कर दिया गया है।

जानकारी न देने पर सजा 

प्रभारी सहायक आयुक्त कौशल के साथ स्वास्थ्य-स्थापना के प्रभारी अधीक्षक संतोष वर्मा (मूल पद दरोगा) पर भी कार्रवाई की गई। अधीनस्थ महिला कर्मचारी के साथ हुए अमर्यादित व अभद्र व्यवहार के जानकारी मिलने के बाद भी वर्मा ने वरिष्ठ अफसरों को अवगत नहीं कराया। साथ ही जिस दिन 6 फरवरी को महिला कर्मचारी ने निगम आयुक्त को शिकायत की, उस दिन बिना अवकाश स्वीकृति के वर्मा काम पर से गायब हो गए। इसलिए वर्मा का एक दिन का वेतन काटने के साथ चेतावनी दी गई कि बिना सूचना और बिना अवकाश स्वीकृति के अपने कर्तव्य से अनुपस्थित नहीं रहेंगे वरना सख्त कार्रवाई होगी।

गवाही देने वाले को झोन भेजा

निगम में महिला कर्मचारी के साथ अमर्यादित व अभद्र व्यवहार करने वाले प्रभारी सहायक आयुक्त कौशल के खिलाफ गवाही देने वाले स्वास्थ्य-स्थापना के विनियमितकर्मी प्रभारी लिपिक विक्रम चिंतामण को भी हटा दिया गया। उन्हें स्वास्थ्य-स्थापना से हटाकर झोन-8 (विजय नगर) पर भेज दिया गया। इसका आदेश जारी करते ही उन्हें तत्काल कार्यमुक्त करते हुए झोन पर भेज दिया। विशाखा समिति की रिपोर्ट में चिंतामण द्वारा अपने दायित्वों का समुचित तरीके से निर्वहन नहीं करना बताया गया। इस पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।