

Punishment of 2 IAS Officers Stayed : राजस्थान के दो IAS अधिकारियों को मिली 3-3 महीने की सजा पर हाईकोर्ट से रोक!
Jaipur : राजस्थान के दो आईएएस अधिकारियों को मिली तीन-तीन महीने के कारावास की सजा पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। दोनों आईएएस अधिकारियों में से एक का नाम है प्रवीण गुप्ता और दूसरे अधिकारी हैं भास्कर ए सावंत। इन दोनों अधिकारियों को जयपुर की वाणिज्यिक न्यायालय ने तीन-तीन माह की सिविल कारावास की सजा सुनाई थी। दोनों आईएएस अधिकारियों ने न्यायालय के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई।
राजस्थान हाईकोर्ट से राज्य सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रवीण गुप्ता और भास्कर ए सावंत को बड़ी राहत मिल गई। जस्टिस सुदेश बंसल की अदालत ने दोनों अधिकारियों को कॉमर्शियल कोर्ट द्वारा सुनाई गई तीन-तीन माह के कारावास पर रोक लगा दी। साथ ही कॉमर्शियल कोर्ट की अग्रिम कार्रवाई पर भी रोक का आदेश दिया। दोनों अधिकारियों की ओर से महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद कोर्ट में पेश हुए।
राजेंद्र प्रसाद ने पीडब्ल्यूडी से जुड़े मामले को लेकर कहा कि हम संबंधित कंपनी को भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। संबंधित कंपनी को बकाया का भुगतान जल्द कर दिया जाएगा। राजेंद्र प्रसाद ने पीएचईडी विभाग को लेकर कॉमर्शियल कोर्ट के फैसले को भी मनमाना बताया। जयपुर के कॉमर्शियल कोर्ट-1 ने कंपनियों को भुगतान नहीं करने पर दोनों आईएएस अधिकारियों को सजा सुनाई थी। पीडब्लूडी और पीएचईडी ने अदालती आदेशों के बावजूद भुगतान नहीं किया था।
इसलिए सुनाई गई थी दोनों को सजा
भास्कर ए सावंत को पाइपलाइन डालने के एक प्रोजेक्ट में करीब 31 करोड़ रुपए के भुगतान न होने के कारण तीन महीने की सजा सुनाई गई थी। वहीं, सड़क निर्माण के ठेकेदारों का बकाया भुगतान न किए जाने पर आईएएस प्रवीण गुप्ता को भी तीन माह के कारावास की सजा सुनाई थी, जिसे हाई कोर्ट ने रोक दिया।
महाराष्ट्र के निवासी हैं भास्कर ए सावंत
पांच जून 1969 को सांगली में जन्मे भास्कर ए सावंत का पूरा नाम भास्कर आत्माराम सावंत है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया। उसके बाद यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा दी और इस तरह तीन सितंबर 1995 को उनका चयन आईएएस के लिए हो गया। आईएएस की ट्रेनिंग के बाद उन्हें 31 मई 1996 को राजस्थान कैडर का आईएएस नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्होंने पाली जिले में ट्रेनिंग ली। फिर अलवर में एसडीएम रहे। उदयपुर में वह एडिशनल कलेक्टर रहे। इसके बाद वे कई अलग-अलग पदों पर रहे। वर्तमान में वे एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग एंड ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट, राजस्थान के पद पर तैनात हैं।
प्रवीण गुप्ता लखनऊ के रहने वाले
जिस दूसरे आईएएस को कारावास की सजा सुनाई गई, उस अधिकारी का नाम प्रवीण गुप्ता है। प्रवीण मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं। प्रवीण गुप्ता ने सबसे पहले बीटेक की पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने इकोनॉमिक्स में एमए किया। इसके अलावा, प्रवीण के पास फिजिक्स में एमएससी की डिग्री भी है। उन्होंने मास्टर इन इंटरनेशनल डेवलपमेंट पॉलिसी और पब्लिक फाइनेंस का कोर्स भी किया है। उनका चयन भी 3 सितंबर 1995 को आईएएस के पद पर हुआ था। सबसे पहले उनकी पोस्टिंग 11 अगस्त 1997 को माउंट आबू के एसडीओ के रूप में हुई। इसके बाद अलवर, अजमेर समेत राजस्थान में कई अलग-अलग जगहों पर रहे। फिलहाल वे एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट, राजस्थान, जयपुर में कार्यरत हैं।
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