Panchkula : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) को हत्या के एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत (Special Court of CBI) ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। रंजीत सिंह की हत्या 2002 में हुई थी। इस मामले में चार अन्य आरोपियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
राम रहीम को एक पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वह रोहतक की सुनारिया जेल में सजा सुनाए जाने के बाद से ही बंद है।
राम रहीम और उसके 4 साथियों को 2002 में पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह (Ranjeet Singh Murder Case) की हत्या के मामले में 8 अक्टूबर को दोषी ठहराया गया था। सजा सुनाए जाने से पहले हरियाणा के पंचकूला जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए धारा-144 लागू कर दी गई थी।
अगस्त 2017 की हिंसा को देखते हुए राम रहीम से जुड़े किसी भी मामले में सुनवाई या फिर सजा के ऐलान से पहले सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया जाता है। 2017 में बलात्कार के एक मामले में राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद 36 लोग मारे गए थे। पिछली सुनवाई के दौरान CBI Court ने कोर्ट से डेरा प्रमुख के लिए मौत की सजा की मांग की थी। खुद राम रहीम ने रोहतक जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिए दया की गुहार लगाई थी। राम रहीम फिलहाल अपने दो अनुयायियों के साथ बलात्कार मामले में 20 साल की सजा काट रहा है। राम रहीम ने कोर्ट के सामने दया की गुहार लगाते हुए ब्लड प्रेशर, आंख और गुर्दे संबंधी अपनी बीमारियों का हवाला दिया था।
CBI ने डेरा प्रमुख की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि पीड़ित ने उसे भगवान की तरह माना और आरोपी ने उसके खिलाफ ही अपराध किया। CBI ने यह भी कहा कि उसका आपराधिक इतिहास रहा है। ऐसे में एजेंसी ने राम रहीम के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत अधिकतम सजा की मांग की थी।
2002 में हुई थी हत्या
रंजीत सिंह की 2002 में 10 जुलाई को हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने की और पूरा मामला CBI Special Court में ही चला। घटना के 19 साल बीत जाने के बाद इस महीने की शुरुआत में राम रहीम समेत 5 आरोपियों को दोषी ठहराया गया। मामले की पूरी बहस 12 अगस्त को पूरी कर ली गई थी। CBI ने 3 दिसंबर, 2003 को इस मामले में FIR दर्ज की थी।