जेम पोर्टल से खरीदी घोटाला : प्राचार्य तथा 4 असिस्टेंट प्रोफेसर निलंबित

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जेम पोर्टल से खरीदी घोटाला : प्राचार्य तथा 4 असिस्टेंट प्रोफेसर निलंबित

विनोद काशिव की रिपोर्ट

रायपुर। प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित सरकारी महाविद्यालयों में जेम्स पोर्टल से खरीदी में किए गए घोटाले की परतें जैसे–जैसे खुल रही हैं, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होती जा रही हैं। इसी कड़ी में महासमुंद जिले के लोहारकोट स्थित सरकारी कॉलेज के प्राचार्य और पिथौरा कॉलेज के 4 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को निलंबित कर दिया गया है।

महासमुंद के शासकीय महाविद्यालय लोहारकोट महासमुंद के प्राचार्य डॉ. एसएस तिवारी पर गाज गिरी है। पीएम उषा मद से आबंटित की गई राशि में गड़बड़ी, जैमपोर्टल के माध्यम से सामग्री क्रय किये जाने में आर्थिक अनियमितता में उनकी संलिप्तता पायी गई। उनके द्वारा छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम 2002 यथा संशोधित 2025 के संगत नियमों का पालन नहीं किया गया है। इसके चलते छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत प्राचार्य डॉ तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

पीएम उषा मद से आबंटित की गई राशि में गड़बड़ी, जैम पोर्टल के माध्यम से सामग्री क्रय किये जाने में आर्थिक अनियमितता में संलिप्तता पाए जाने पर चार असिस्टेंट प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है। चारों प्रोफेसर शासकीय महाविद्यालय पिथौरा में पदस्थ थे। इनके नाम इस प्रकार हैं:

1. डॉ. सीमा अग्रवाल, सहायक प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय, पिथौरा,

2. डॉ. बृहस्पतु सिंह विशाल, सहायक प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय, पिथौरा,

3. श्री पीठी सिंह ठाकुर, सहायक प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय, पिथौरा

4. डॉ. एस.एस. दीवान, सहायक प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय, पिथौरा

शासकीय आदर्श महाविद्यालय, लोहारकोट को पीएम उषा मद से विभिन्न सामग्री खरीदने के लिए राशि आवंटित की गई थी। प्राचार्य डॉ. एस.एस. तिवारी ने 15 अक्टूबर, 22 अक्टूबर एक दिन में 29.63 लाख रुपये की 15 ऑर्डर और 31 अक्टूबर और 7 नवंबर 2025 को कुल 1,06,04,575 रुपये की सामग्री जेम पोर्टल से खरीदी है।खुलासा उच्च शिक्षा आयुक्त के आदेश पर गठित तीन सदस्यीय की जांच से हुआ है। जांच रिपोर्ट में प्राचार्य डॉ. एस.एस. तिवारी की कार्यप्रणाली को संदेहास्पद बताया गया है। समिति ने इनके निलंबन और राशि की वसूली का प्रस्ताव दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 1 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है, जिसमें टेंडर नियमों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया।दरअसल 50,000 रुपये से अधिक की खरीदी के लिए शासन से अनुमति जरूरी थी, लेकिन अनुमति की प्रतीक्षा किए बिना खरीदी कर ली गई। छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियमों के अनुसार, इतनी बड़ी राशि के लिए जेम पोर्टल पर सीमित निविदा टेंडर आमंत्रित करना अनिवार्य था, लेकिन बिना निविदा के L1 lowest bidder मोड में सीधे खरीदी की गई।तीनों फर्मों से हुई अधिकांश खरीदी

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सागर इंडस्ट्रीज, सिंघानिया ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज औरओशन इंटरप्राइजेस। यह तीनों फर्म जांजगीर के हैं, जिनसे अधिकांश खरीदी की गई है। शिकायत है कि ये फर्में एक ही व्यक्ति परिवार की हैं.पिथौरा कॉलेज के सहायक प्राध्यापकों को सदस्य बनाया गया, जबकि महाविद्यालय के अपने अधीक्षकों को शामिल करना उचित होता है। दो महीने में 1 करोड़ से अधिक की खरीदी और तुरंत सप्लाई, यह प्रक्रिया संदेहास्पद है।जांच रिपोर्ट के मुताबिक, महाविद्यालय के प्राचार्य सहित क्रय समिति में अधिकारियों को निलंबित कर वसूली और आपराधिक जांच की अनुशंसा की गई है।विशेषज्ञों का कहना है कि जेम पोर्टल पारदर्शिता के लिए बनाया गया था, लेकिन नियमों की अनदेखी से भ्रष्टाचार के नए रास्ते खुल रहे हैं।