क्वांटिटी नहीं क्वालिटी, ऑर्थोडॉक्स के बदले आउट ऑफ़ बॉक्स यही, नई शिक्षा नीति का सार- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 

MP में एक साथ 55 PM कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस का वर्चुअल शुभारंभ

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क्वांटिटी नहीं क्वालिटी, ऑर्थोडॉक्स के बदले आउट ऑफ़ बॉक्स यही, नई शिक्षा नीति का सार- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 

इंदौर:   केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सन् 2047 तक भारत को संपूर्ण विश्व में हर क्षेत्र में अव्वल रखने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए शिक्षा की नींव मज़बूत होना आवश्यक है। यही कारण है कि सन् 2020 में नई शिक्षा नीति का आग़ाज़ किया गया। इसमें क्वांटिटी नहीं क्वालिटी, ऑर्थोडॉक्स के बदले आउट ऑफ़ बॉक्स को सार मानते हुए नीति निर्माण किया गया। ये गर्व का विषय है कि मध्यप्रदेश में इस नीति को देश में सबसे पहले लागू किया। यह भविष्य के 25 सालों में देश के विद्यार्थियों को विश्व के विद्यार्थियों से स्पर्धा योग्य बनाएगी।

यह भी गर्व करने की बात है कि मध्यप्रदेश ने इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा को अपनी मातृ भाषा में पठन पाठन का अवसर यहाँ के विद्यार्थियों को मुहैया कराया है।उद्देश्य सभी वर्ग के लोगो को प्लेटफार्म देखकर समान अवसर उपलब्ध कराना है।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में आने से पूर्व मैंने उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार से प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस ले सभी तयशुदा तयशुदा मानदंडों की पूर्ति संबंधी कैफ़ियत ली थी। मुझे सकारात्मक जवाब सुनकर प्रसन्नता का अनुभव हुआ। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के सुप्रतिष्ठित संस्थानों के रूप में सारे देश में मध्यप्रदेश का नाम रोशन करने में समर्थ होंगे।

मंत्री श्री शाह ने कहा कि इन एक्सीलेंस कालेजों की विशेषता यह है कि इनमें नई शिक्षा नीति के अनुरूप सभी कोर्स उपलब्ध होंगे तथा ये कालेज सभी संसाधनों से युक्त होंगे। इनसे युवा पीढ़ी को लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के ज़रिए विद्यार्थीगणों को काग़ज़ी शिक्षा नहीं वरन् जीवन में बदलाव के लिए ज़रूरी व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया गया है। ये प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस युवाओं की जीवन की दिशा तय करेंगे। श्री शाह के हाथों इन कालेजों का शुभारंभ वो भी मालवा की धरती से होना प्रसन्नता और गर्व की बात है। भगवान कृष्ण ने भी मालवा की भूमि में रह 64 कलाओं, 18 पुराणों 14 विद्याओं और चार वेदों की शिक्षा दीक्षा प्राप्त की है। छह माह से भी कम समय में इन कालेजों का विधिवत शुभारंभ होना इस सिलसिले में सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है। उन्होंने इन 55 कालेजों में शुरू किए जा रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों और लगभग 450 करोड़ रुपयों की लागत से किए गए विकास कार्यों से विद्यार्थियों को अवगत कराया।

उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने अपने स्वागत उद्बोधन में प्रदेश के सभी प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में संचालित पाठ्यक्रमों,उपलब्ध संसाधनों,संकायों के संचालन के लिए मानव संसाधन और यहाँ विकसित किए जा रहे विद्यावनों के बारे में जानकारी दी।

इस मौके पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री शंकर लालवानी, सांसद श्रीमती कविता पाटीदार, विधायक श्री रमेश मेंदोला, श्री मधु वर्मा, श्री गोलू शुक्ला सहित अन्य जनप्रतिनिधि और संभागायुक्त श्री दीपक सिंह, आईजी श्री अनुराग, पुलिस कमिश्नर श्री राकेश गुप्ता, कलेक्टर श्री आशीष सिंह और बड़ी संख्या में विद्यार्थिगण उपस्थित थे।

आरंभ में अतिथियों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर समक्ष में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया।

इससे पहले मंत्री श्री शाह ने परिसर में मध्यप्रदेश हिंदी ग्रन्थ अकादमी महाविद्यालय के काउंटर का वर्चुअल उद्घाटन तथा भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ का शुभारंभ के साथ ही प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस विषयक पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस पर एक वीडियो फ़िल्म का भी प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में आभार उच्च शिक्षा विभाग के एसीएस श्री केसी गुप्ता ने माना।