शिन्दे को सीएम बनाना चौंकाने वाला निर्णय पर काफी दूरदर्शी

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महाराष्ट्र में तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम से हर कोई भौचक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी को जानने वाले इस नए घटनाक्रम पर जरा भी आश्चर्य महसूस नहीं कर रहे हैं क्योंकि पिछले 8 वर्षों में यह जोड़ी अनेक बार ऐसे ही निर्णय करती रही है जिसकी लोग अपेक्षा भी नहीं करते हैं। देवेन्द्र फडनवीस खुद इसके उदाहरण हैं जब उन्हें पहली बार महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया गया था तो उनका भी नाम लोग नहीं जानते थे। इसी तरह हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बना कर लोगों को चौंका दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर मनोज सिन्हा पूरी तैयारी कर चुके थे पर ऐनवक्त पर महंत आदित्य नाथ योगी को मुख्यमंत्री बनाकर सबको हैरत में डाल दिया था।

शिन्दे को सीएम बनाना चौंकाने वाला निर्णय पर काफी दूरदर्शी

अब बात मुंबई की करते है जहां शाम को देवेन्द्र फडनवीस ने कहा था कि वो सरकार में शामिल नहीं होंगे, लेकिन सरकार को पूरा सहयोग देंगे। पर दिल्ली में भाजपा रणनीतिकारों ने इसके उलट तय किया कि उन्हें सरकार में शामिल होकर उपमुख्यमंत्री बनना चाहिए।

 

इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बयान जारी कर कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया है कि देवेंद्र फडनवीस को सरकार में आना चाहिए इसलिए उनसे व्यक्तिगत अनुरोध किया गया है। केंद्रीय नेतृत्व ने कहा है कि देवेंद्र फडनवीस महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में कार्यभार संभालें।

शिन्दे को सीएम बनाना चौंकाने वाला निर्णय पर काफी दूरदर्शी

इसी बीच भाजपा के चाणक्य यानी गृहमंत्री अमित शाह ने खुद ट्वीट कर घोषणा की कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के कहने पर देवेंद्र फडनवीस ने बड़ा मन दिखाते हुए महाराष्ट्र राज्य और जनता के हित में सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया है।

यह निर्णय महाराष्ट्र के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा व सेवाभाव का परिचायक है।

अंदरखाने से छनकर आ रही खबरों के अनुसार एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बना कर भाजपा ने उद्धव ठाकरे का घमंड चकनाचूर कर दिया साथ ही एकनाथ शिंदे को शिवसेना का सर्वमान्य नेता भी बना दिया।अगर भाजपा ने शिंदे को सीएम नहीं बनाया होता तो शिवसेना कैडर के सामने उद्धव ठाकरे से ज्यादा मजबूत चेहरे के रूप में किसी और को उभारना मुश्किल होता।इसका दीर्घकालिक फायदा यह होगा कि शिवसेना के नाम व चुनाव चिन्ह को लेकर होने वाली लड़ाई में शिन्दे गुट भारी पड़ेगा।शिन्दे के मुख्यमंत्री बनने से उन्हें सांसदों को उनके समर्थन में आने और चुनाव आयोग से शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर नियंत्रण करने के लिए मनाने का अधिकार देता है।

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बिहार के बाद महाराष्ट्र में छोटी पार्टी को मुख्यमंत्री पद सौंप कर भाजपा यह संदेश देने में कामयाब हुई है कि वह गठबंधन को कितना महत्व देती है।

महाराष्ट्र में भाजपा के पास कोई खाटी मराठा लीडर भी नहीं है। एकनाथ सम्भाजी शिंदे शिवाजी महाराज के गढ़ सतारा जिले के मराठा है और महाराष्ट्र में मराठों की आबादी 31 प्रतिशत है। इस निर्णय से भाजपा को आने वाले समय में बड़ा राजनैतिक लाभ मिलेगा।

जहां तक देवेंद्र फडनवीस के डिप्टी सीएम होने की बात है… यह इसलिए जरूरी है क्योंकि महाराष्ट्र में बीजेपी का कोई ऐसा दूसरा सर्वमान्य नेता नहीं है जो सभी को एकसाथ रख सके। देवेंद्र फडनवीस अकेले लोकप्रिय व सर्वमान्य नेता हैं। इस पूरे प्रकरण का राष्ट्रपति चुनाव पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा और द्रौपदी मुर्मू के जीत का मार्जिन और भी बढ़ जाएगा।