Radium Strip Case : रेडियम पट्टी के नाम पर वाहनों से अवैध वसूली, एसपी ने अनुमति दी, फिर निरस्त की!
विवादास्पद आदेश का मामला CM तक पहुंचा, बड़ी डील का आरोप भी लगा!
Maihar (Satna) : मैहर एसपी ने 2 जुलाई को धीरेंद्र सिंह राजावत के पक्ष में रेडियम रिफ्लेक्टर, रेडियम टेप लाइन और हेड लाइट ब्लैक करने की शर्तों के अनुसार अनुमति दी थी। पुलिस चेकिंग के दौरान ही यह काम किया जा सकता था और यातायात बाधित नहीं होने की शर्त भी शामिल थी। जांच और रिफ्लेक्टर लगाने के नाम पर हर वाहन से 5 सौ से 1 हजार रुपए तक की वसूली की जा रही थी।
बताया गया कि नेशनल हाईवे क्रमांक 30 पर वाहनों में रेडियम पट्टी लगवाने का दबाव बनाकर अवैध वसूली करने के मामला सामने आने के बाद पुलिस एसपी मैहर ने अनुमति निरस्त कर दी। रेडियम पट्टी लगाने के लिए जिस फर्म को काम मिला था, उसने पुलिस चेकिंग के बिना ही वाहनों को रोककर पट्टी लगाने का खेल शुरू कर दिया था।
कटनी-बेला नेशनल हाईवे से निकलने वाले वाहनों को मैहर जिले के नादन देहात थाने के पास रोककर अवैध वसूली की जा रही थी। नेशनल हाईवे पर ड्रम रखकर जिग्जैक पॉइंट बनाया गया, जहां पर वाहन को रोककर उनमें रेडियम रिफ्लेक्टर और उनके पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की जांच की जा रही थी।
पांच सौ-एक हजार रुपए लिए जा रहे थे
जांच और रिफ्लेक्टर लगाने के नाम पर प्रत्येक वाहन से 5 सौ से 1 हजार रुपए तक लिए जा रहे थे। यहां यह काम निजी लोग कर रहे थे। लेकिन, हैरानी की बात तो ये है कि उनका सहयोग पुलिस भी कर रही थी। इन वसूलीबाजों के निशाने पर बड़े वाहन और उस पर दूसरे राज्यों की नंबर प्लेट वाले ट्रक ज्यादा नजर आ रहे थे।
मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा
मैहर में एसपी की अनुमति की आड़ में हाइवे पर वाहनों से अवैध वसूली का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा था। पीएचक्यू से भी जानकारी मांगी गई है और सीएम हाउस के अफसर भी इस मामले की अपने स्तर पर जानकारी जुटा रहे हैं। यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि आखिर किन परिस्थितियों में यह विवादित आदेश जारी हुआ। सूत्रों का कहना है इस आदेश जारी होने के पीछे की वजह बड़ी एक बड़ी डील है। गत दिनों सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में रुपए लेकर यह आदेश जारी करने का आरोप लगा था। बैठक में सांसद और विधायक भी मौजूद थे।