राहुल गांधी अपनी यात्रा से साधेंगे MP के SC-ST वर्ग को, महू से पहले जाएंगे टंट्या मामा की जन्मस्थली

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राहुल गांधी अपनी यात्रा से साधेंगे MP के SC-ST वर्ग को, महू से पहले जाएंगे टंट्या मामा की जन्मस्थली

भोपाल: राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के साथ ही अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को साधने का भी काम करेंगे। इस दौरान वे निमाड़ के पहले क्रांतिवीर एवं जननायक टंट्या मामा की जन्मस्थली भी जाएंगे। राहुल गांधी की इस यात्रा का लाभ प्रदेश कांग्रेस अलग साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी लेना चाहती है, इसके चलते ही उनके यात्रा को ऐसे स्थलों पर भी लेकर जाया जा रहा है, जहां से पूरे प्रदेश में संदेश जा सके।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर अब लगभग पूरा कार्यक्रम तय हो चुका है। वे बुरहानपुर जिले से प्रवेश करने के बाद सबसे पहले निमाड़ के क्रांतिवीर टंट्या मामा की जन्म स्थली भी जाएंगे। यहां पर जाने का कार्यक्रम हाल ही बनाया गया है। खंडवा जिले के पंधाना तहसील के ग्राम बड़दा में उनकी जन्म स्थली है। यहां पर राहुल गांधी को लाया जा रहा है।

 *कौन है टंट्या मामा* 

टंट्या मामा का वास्तविक नाम तांतिया भील था लोग प्यार से उन्हें टंट्या मामा भी कहते थे। उनका संबंध मध्य प्रदेश के भील आदिवासी समाज से है। टंट्या मामा ने अंग्रेजों द्वारा किये जा रहे अत्याचारों के विरुद्ध 12 वर्षों तक संघर्ष किया था, इसलिए स्थानीय लोग उन्हें जन नायक मानते है। जरुरतमंदो और गरीबों की वे मदद करते थे। अपने इन्ही गुणों के कारण उन्हें इंडियन रॉबिनहुड भी कहा जाता है। टंट्या भील ने अंग्रेजो के खिलाफ जीवन भर संघर्ष किया।

 *इस क्षेत्र की एसटी सीट* 

टंट्या मामा का असर निमाड़ और मालवा के आदिवासियों में खासा माना जाता है। निमाड़ और मालवा में एससी वर्ग के लिए 22 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। बागली, हरसूद, पंधाना, नेपानगर, भीकनगांव, भगवानपुरा, सेंधवा, राजपुर, पानसेमल, बडवानी, अलीराजपुर, जोबट, झाबुआ, थांदला, पेटलावद, सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, रतलाम ग्रामीण, सैलाना। इनमें से अभी कांग्रेस के पास भीकनगांव, सेंधवा, राजपुर, पानसेमल, अलीराजपुर,झाबुआ, थांदला, पेटलावद, सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, सैलाना सीटें हैं।

*मालवा और निमाड में 60 लाख से ज्यादा की आबादी* 

मालवा और निमाड के 14 जिलों में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 60 लाख से ज्यादा की है। बुरहानपुर, पूर्वी निमाड, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, खरगौन (पश्चिमी निमाड), इंदौर, धार, देवास, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, नीमच, शाजापुर जिलों में इनकी जनसंख्या 62 लाख 36 हजार के लगभग बताई जाती है।