राहुल का वार, विष्णु‌ का पलटवार…

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राहुल का वार, विष्णु‌ का पलटवार…

मंगलवार के दिन राहुल गांधी महाकालमय‌ हो गए। पूरे बदले-बदले नजर आए। शिव को याद किया, राम को याद किया, कृष्ण को याद किया और हिन्दू धर्म के साथ जुड़े तपस्वी भाव की मुक्त कंठ से सराहना की। वहीं तपस्वियों की आड़ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर खुलकर वार किया। कहा कि किसान, युवा, मजदूर सभी की तपस्या मोदी भंग कर रहे हैं। तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने पलटवार किया कि उज्जैन की सभा में आज राहुल गांधी का पूरा भाषण तपस्या पर केंद्रित रहा। उन्होंने अपने संबोधन में किसानों की तपस्या, युवाओं की तपस्या की बात की है। बेहतर होगा अगर राहुल गांधी भाजपा को कोसने की बजाय सच्चाई जान लें। यह जान लें कि किसानों और युवाओं की तपस्या को भंग किसने किया ? किसने उन्हें धोखा दिया ? कांग्रेस की सरकार ने भंग की किसानों, युवाओं की तपस्या।
राहुल गांधी ने उज्जैन में जय महाकाल संबोधन से अपनी बात शुरू कर शिवजी संसार का सबसे बड़े तपस्वी बताया। कृष्ण भगवान, श्रीराम और हिंदू धर्म के सारे भगवान को तपस्वी बताते हुए कहा कि हिंदुस्तान तपस्वियों का देश है। हिंदू धर्म में तपस्वियों की पूजा होती है। फिर आए मुद्दे की बात पर कि हम तपस्वियों का आदर करते हैं, उनके सामने हाथ जोड़ते हैं, तो इस देश में ये तपस्वी कौन हैं? सबसे पहले कोविड के समय में जो मजदूर बैंगलोर से, मुंबई से, पंजाब से, देश के एक कोन से दूसरे कोने पैदल गए, वो तपस्या करते हैं। दूसरे नंबर पर, जो इस देश को भोजन देते हैं, करोड़ों किसान और उनके परिवार 4 बजे सुबह उठकर हर रोज तपस्या करते हैं। बढ़ई, नाई, माली, इलेक्ट्रिशियन, छोटे दुकानदार, मजदूर- ये सब तपस्या करते हैं। रोज करते हैं, जिंदगी भर करते हैं और तपस्या करते-करते चले जाते हैं, सही? भारत जोड़ो यात्रा तो कुछ नहीं है। ये तो तीन महीने की तपस्या है, 5-6 घंटे, 8 घंटे लगा लो। थोड़ा सा घुटने में दर्द होता है, थोड़ी सी प्यास लगती है। तपस्या किसान करता है, मजदूर करता है। अब मेरा सवाल है, हिंदू धर्म कहता है कि तपस्वियों की पूजा होनी चाहिए, तो इस देश में तपस्वियों की पूजा क्यों नहीं हो रही है? जो तपस्या कर रहा है, उसको इस देश की सरकार कुछ नहीं देती और जो नरेन्द्र मोदी जी की पूजा कर रहा है, उसको सारा का सारा दे देती है। दो लोग नरेन्द्र मोदी जी की पूजा करते हैं और उनको जो भी चाहिए, मिल जाता है- रेलवे, पोर्ट, एयरपोर्ट। ये देखो भईया, ड्रोन उड़ रहा है, ये भी ले जाएंगे उठाकर (ड्रोन को देखकर कहा), सड़कें, बिजली, पानी सब कुछ। दो लोग, पांच लोग प्रधानमंत्री की पूजा करते हैं और हिंदुस्तान का सारा धन उनके हवाले कर दिया जाता है। इसके  बाद मोदी पर निशाना साधते हुए विस्तार से सब कुछ साफ किया। फिर चुटकी ली कि सरकार ने क्या किया, अभी 6 बज रहे हैं, 8 बजे; इन सबको याद है, ये कोई नहीं भूला। ये घड़ी देखते हैं, 8 बजे इनका दिल तेजी से धड़कने लगता है। 8 बजे नरेन्द्र मोदी जी ने नोटबंदी की थी और फिर 4 घंटे बाद 12 बजते है, कहते हैं, वही 12 बजे जीएसटी की थी। 8 बजे नोटबंदी, 12 बजे जीएसटी लागू की थी और इनकी जो तपस्या है, उस तपस्या से चोरी की। बताया कि नुकसान देश का हो रहा है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और मिल नहीं सकता, क्योंकि आपने वो रीढ़ की हड्डी तोड़ दी, नोटबंदी करके, जीएसटी करके। कोविड में जो आपने किया, अरबपतियों का कर्जा माफ कर दिया, इनको छोड़ दिया। एक रुपया तक नहीं दिया इनको, तो आपने रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। इसको अब फिर से बनाना पड़ेगा, फिर से जोड़ना पड़ेगा, तब जाकर हिंदुस्तान को रोजगार मिलेगा।
तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने राहुल गांधी के भाषण पर पलटवार किया कि बेहतर होगा अगर भाजपा को कोसने की बजाय सच्चाई जान लें राहुल कि‌ धोखा देकर कांग्रेस ने भंग की थी युवाओं, किसानों की तपस्या।‌ शर्मा ने कहा कि यह वही राहुल गांधी हैं, जिन्होंने मध्यप्रदेश की धरती पर कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर हम 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ करेंगे और यदि 10 दिन में कर्ज माफ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। बाद में सभी ने देखा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर किस प्रकार से किसानों को लाल पीले फार्म में उलझाया गया। कर्ज माफी के नाम पर उनके साथ धोखा किया गया। किसान डिफाल्टर हो गए और डिफाल्टर किसानों का ब्याज आज प्रदेश की शिवराज सरकार चुका रही है। युवाओं की तपस्या की बात करने वाले राहुल गांधी को यह जान लेना चाहिए कि कांग्रेस ने युवाओं से वादा किया था कि हमारी सरकार आने पर हम युवाओं को स्टाइपेंड, बेरोजगारी भत्ता देंगे। बाद में सभी ने देखा कि किस प्रकार उन्हें ढोर चराने की ट्रेनिंग देने का काम कांग्रेस सरकार ने किया। उन्होंने निशाना साधा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि आज भी राहुल गांधी जीएसटी और नोटबंदी की बात कर रहे हैं। इनके लागू होने के बाद देश और प्रदेश में कई चुनाव हो चुके हैं और जनता इन सब मुद्दों को नकार चुकी है। उन्होंने कहा कि अपने संबोधन में डीजल के बढ़ते हुए दामों की बात करने वाले राहुल गांधी को यह सच्चाई भी जान लेना चाहिए कि सरकार बनने पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 5 रुपये की कमी लाने का वादा भी उनकी पार्टी ने किया था, लेकिन सब जानते हैं कि किस तरह कांग्रेस की सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को बढ़ा दिया था। यह सवाल भी उठाया कि आज राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा महाकाल की नगरी उज्जैन आयी तो हमें उम्मीद थी कि राहुल गांधी भाजपा सरकार द्वारा 350 करोड़ की लागत से तैयार कराए गए महाकाल लोक का अवलोकन करेंगे। जिस महाकाल लोक की प्रशंसा सारी दुनिया कर रही है, राहुल गांधी भी उसकी सराहना करेंगे। लेकिन उन्होंने अपने संबोधन में महाकाल लोक पर एक शब्द नहीं बोला। राहुल गांधी एक तरफ तो अपनी यात्रा को गैर राजनीतिक यात्रा बताते हैं और दूसरी तरफ आज पूरी सभा में वे जमकर भाजपा को कोसते रहे। यह कैसी गैर राजनैतिक यात्रा है, जिसमें वह लगातार भाजपा को कोस रहे हैं ?
अब यह बात तो साफ है कि किसी राजनेता द्वारा की गई कोई भी यात्रा गैर राजनैतिक नहीं हो सकती। भले ही श्वेताम्बर या पीतांबर ओढ़ कर ही क्यों न की जाए। अगर भीड़ दिखेगी और सभाएं होंगीं तो राजनैतिक निशाना ही साधा जाएगा। पर यदि यह कहा जाए कि भारत जोड़ो यात्रा गैर राजनैतिक है, तो यह आंखों में धूल झोंकने जैसा ही माना जाएगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा यदि सवाल कर रहे हैं कि राहुल गांधी यात्रा को गैर राजनैतिक बता रहे हैं, तो इस बात का जवाब राहुल गांधी को जरूर देना चाहिए कि यात्रा क्या वास्तव में गैर राजनैतिक है। खैर वार और पलटवार के बीच यह बात तो साफ है कि ये जनता है जो सब जानती है …कि यात्रा कैसी है राजनैतिक या गैर राजनैतिक…।