Raid on Saurabh Sharma : सौरभ शर्मा को दुबई से वापस लाने में आयकर विभाग का एंबेसी की भी मदद लेने का विचार!

एक पेट्रोल पंप और राजगढ़ में मछली पालन का ठेका होने के भी दस्तावेज मिले!

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Raid on Saurabh Sharma : सौरभ शर्मा को दुबई से वापस लाने में आयकर विभाग का एंबेसी की भी मदद लेने का विचार!

Bhopal : आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल और धनकुबेर सौरभ शर्मा के यहां लोकायुक्त और आयकर के छापे पड़े, जिसमें करोड़ों की अवैध संपत्ति मिली। अब ईडी और डीआरआई भी इस मामले की जांच कर रही है। लेकिन, सौरभ छापे से पहले ही पत्नी के साथ छुट्टी मनाने दुबई गया था और अभी भी वहीं है। जानकारी मिली है कि यदि सौरभ शर्मा जल्द भारत वापस नहीं लौटा तो आयकर विभाग उसे वापस लाने के लिए एंबेसी की भी मदद ले सकता है।

उसकी अकूत कमाई और उसके निवेश को लेकर जांच एजेंसियों को लगातार नई जानकारियां मिल रही हैं। विभाग को यह भी पता चला कि चेतन के नाम से एक पेट्रोल पंप और राजगढ़ में मछली पालन का ठेका भी है। इनका वास्तविक मालिक सौरभ को ही बताया जा रहा है। परिवहन विभाग में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा की काली कमाई बढ़ने का सिलसिला वर्ष 2018 में कांग्रेस शासन काल में शुरू हुआ था, जो, सरकार बदलने के बाद भी जारी रहा। बताया जाता है प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से छह परिवहन चौकियों का ठेका उसके पास इस वर्ष जून 24 तक था।

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जांच एजेंसियों ने सौरभ शर्मा द्वारा दुबई में निवेश करने और इसके लिए वहां पैसा शिफ्ट किए जाने की आशंका जताई है। सौरभ के स्वजन ने बताया है कि वह अभी पत्नी के साथ उसका जन्मदिन मनाने के लिए दुबई गया है। उस पर शिकंजा सकते हुए जांच एजेंसियां पूछताछ के लिए हर कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर सकती हैं। वहीं, सौरभ की अकूत संपत्ति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसके कार्यालय और घर में नोट गिनने की सात मशीनें भी मिली हैं। इससे साफ है कि उसके पास बहुत ज्यादा पैसा आ रहा था। वह भोपाल में ही शाहपुरा बी सेक्टर में एक बड़ा स्कूल भी बना रहा था। स्कूल की जमीन के डायवर्जन को लेकर आसपास रहने वाले वर्तमान व सेवानिवृत अधिकारियों से विवाद भी हुआ था।

छापे में मिली डायरियों में कई बड़ों के नाम

लोकायुक्त पुलिस सूत्रों ने बताया कि उसके घर व कार्यालय से कुछ संदिग्ध डायरियां मिली हैं, जिनकी जांच की जा रही है। भ्रष्टाचार की कमाई से सौरभ शर्मा ने बनाई थी अविरल कंस्ट्रक्शन कंपनी सौरभ शर्मा ने भ्रष्टाचार की काली कमाई को सफेद करने के लिए अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई थी। जिस चेतन सिंह गौर को सौरभ का महज ड्राइवर समझा जा रहा था, उसके साथ शरद जायसवाल और रोहित तिवारी इस कंपनी में डॉयरेक्टर हैं।