Railway Negligence : रेलवे की लापरवाही का खामियाजा भुगतने को मजबूर ग्रामीणजन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र! 

जिंदगी को दाव पर लगाकर बच्चे जा रहें हैं परीक्षा देने!

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Railway Negligence : रेलवे की लापरवाही का खामियाजा भुगतने को मजबूर ग्रामीणजन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र! 

Ratlam : जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर रावटी स्टेशन के पास ब्रिज क्रमांक 247 के नीचे बने नाले की गंभीर समस्या को लेकर क्षेत्र के रहवासियों को समस्याओं से जुझना पड़ रहा हैं। इस समस्या को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता रेणुका मुकेश पोरवाल ने प्रधानमंत्री, रेल मंत्री, रेल बोर्ड चेयरमैन और कलेक्टर को पत्र लिखकर समस्या से अवगत करवाते हुए समस्या के समाधान पर त्वरित कार्यवाहीं कर ग्रामीणजनों को राहत देने का ज्वलंत मुद्दा उठाया। रेणुका पोरवाल ने बताया कि रावटी स्टेशन के पास पहले समपार फाटक बना हुआ था जिससे 2 जिले के ग्रामीण अपने-अपने दैनिक कार्यों हेतु आना-जाना किया करते थे। जिला मुख्यालय के लिए भी मात्र यही विकल्प था लेकिन 3 साल पहले फाटक को रेलवे ने बिना किसी सूचना के बंद कर दिया। इसके बाद से लोगों ने ब्रिज क्रमांक 247 के नीचे से आना-जाना शुरू किया यह मार्ग झाबुआ रतलाम को जोड़ता है। रावटी तहसील की आबादी लगभग 1 लाख के करीब हैं जिसमें छोटे बड़े दोनों जिलों के मलवासी, रानीसिंग डाबड़ी, तंबोलिया कोटड़ा सहित 80 से अधिक गांव लगते हैं। और प्रतिदिन 3 से 4 हजार लोग तहसील, अस्पताल, पंचायत, थाना, जिला मुख्यालय के लिए आवागमन इसी रोड से करते हैं। यह मार्ग प्रधानमंत्री सड़क योजना में बना हुआ हैं।

बारिश में ज्यादा दिक्कतों का सामना करना इस क्षेत्र के रहवासियों के लिए मजबूरी हैं लगातार बारिश होने के कारण ब्रिज के नीचे 2 से 3 फीट तक पानी भर जाता हैं जो कि कई घंटों तक जमा रहता हैं। ऐसे में स्कूल के बच्चों को मजबूरीवश 2-3 फीट पानी में उतरकर स्कूल परीक्षा देने जाना मजबूरी हैं। इसके साथ ही ग्रामीणों को आवश्यक कार्यों के लिए जान जोखिम में डालकर पानी में से निकलना पड़ता हैं। 3 दिन पहले भी इसी मार्ग पर एक एम्बुलेंस मरीज को लेकर बड़ी मुश्किल से निकली थी। कारण ब्रिज के नीचे सड़क निर्माण नहीं होना क्योंकि नाले का हिस्सा रेलवे के अंतर्गत आता हैं। समस्या के समाधान के लिए रेलवे महाप्रबंधक पश्चिम रेलवे मुख्यालय को कुछ महीने पहले ईमेल भी किया था। जिसकी जांच के लिए मेघनगर रेलवे इंजीनियर टीम को भेजा गया था। जिनके द्वारा इस मार्ग को आम रास्ता ही नहीं माना जबकि ब्रिज के पास ही प्रधानमंत्री सड़क योजना में स्वीकृत रोड बनी हुई है और बोर्ड भी लगा हुआ हैं इस तरह रेलवे की इस लापरवाही का खमियाजा ग्रामीणों को भुगताना पड़ रहा है। भविष्य में कोई जनहानि या दुर्घटना घटित नहीं हो इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए रेलवे सहित प्रशासन रतलाम से मांग की गई हैं कि नाले के मार्ग को व्यवस्थित किया जाए या वैकल्पिक मार्ग के निकाला जाए इसके लिए रेलवे द्वारा विशेष जांच टीम भेजी जाएं। निरीक्षण के दौरान क्षेत्र के प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में निरीक्षण कर समाधान किया जाना समय की दरकार है!