
बारिश ने कंगारुओं के अरमान बहाए: भारत ने फिर किया ऑस्ट्रेलिया में कमाल 12 साल बाद भी अजेय टीम इंडिया ने टी20 सीरीज पर जमाया कब्जा
New Delhi: कहते हैं किस्मत भी उसी का साथ देती है जो जीतने का जज़्बा रखता है। ऑस्ट्रेलियाई मैदानों पर टीम इंडिया का जज़्बा इस बार भी रंग लाया। पांच मैचों की रोमांचक टी20 सीरीज में भारत ने 2–1 से जीत दर्ज करते हुए ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। आखिरी मैच बारिश की भेंट चढ़ा, लेकिन सीरीज की ट्रॉफी एक बार फिर भारतीय झोली में गई।

ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर निर्णायक मुकाबले का इंतज़ार कर रहे दर्शकों को निराशा हाथ लगी। लगातार हो रही बारिश के कारण मैच सिर्फ 4.5 ओवर तक ही चल पाया, लेकिन तब तक भारत ने कंगारुओं पर अपनी आक्रामक मंशा साफ कर दी थी। शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा की जोड़ी ने तूफानी शुरुआत करते हुए बिना विकेट खोए 52 रन ठोक दिए थे। इसके बाद मौसम ने दखल दी और मुकाबला रद्द कर दिया गया। नतीजतन भारत ने सीरीज 2–1 से अपने नाम की।
इससे पहले चौथे टी20 में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 48 रन से हराया था। उस मैच में भारतीय गेंदबाजों का दबदबा देखने लायक था। अक्षर पटेल, अर्शदीप सिंह और रवि बिश्नोई ने मिलकर कंगारू बल्लेबाज़ों को नाच नचाया। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 167 रन बनाए थे, जिसके जवाब में पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम 119 पर ढेर हो गई।

इस जीत के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टी20 सीरीज जीतने की परंपरा को कायम रखा है। दिलचस्प बात यह है कि टीम इंडिया पिछले 12 वर्षों से ऑस्ट्रेलिया में किसी टी20 सीरीज में पराजित नहीं हुई है। इससे यह भी साबित होता है कि अब विदेशी पिचें भारतीय खिलाड़ियों के लिए चुनौती नहीं, बल्कि रिकॉर्ड बनाने का मैदान बन चुकी हैं।
*रणनीति और लय का कमाल*
नए कप्तान की शांत रणनीति, युवा खिलाड़ियों का जोश और गेंदबाजों की सटीक लाइन-लेंथ इस सीरीज की सबसे बड़ी खासियत रही। चाहे शुभमन गिल की क्लासिक बल्लेबाज़ी हो, यशस्वी जायसवाल की तेज शुरुआत या फिर अक्षर पटेल की धारदार स्पिन—हर मैच में किसी न किसी भारतीय खिलाड़ी ने मैच-विनिंग प्रदर्शन किया।
ऑस्ट्रेलिया के लिए यह हार दोहरी चिंता का विषय रही। घरेलू परिस्थितियों में खेलने का लाभ न उठा पाना और मध्यक्रम का बार-बार ढह जाना उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गया। टीम इंडिया ने उनकी कमजोरियों को भांपकर हर मैच में दबाव बनाए रखा।
*आगे का रास्ता*
यह जीत न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में भारत की साख को और ऊंचा करती है, बल्कि अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप के लिए टीम का मनोबल भी दोगुना कर देती है। कोचिंग स्टाफ और प्रबंधन के लिए यह सीरीज नई प्रतिभाओं को आजमाने का बेहतरीन मौका साबित हुई और खिलाड़ियों ने भरोसा जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
कहा जा सकता है कि बारिश ने भले ही अंतिम मैच में खेल रोक दिया हो, लेकिन भारत की लय और लहर को कोई नहीं रोक पाया। इस सीरीज ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय टीम अब केवल रिकॉर्ड नहीं तोड़ती, बल्कि उन्हें बनाना जानती है।
कह सकते हैं- कंगारुओं की सरज़मीं पर फिर गूंजी भारत की दहाड़!





