Rain Water Will be Saved : इंदौर का पानी अब बाहर नहीं बहेगा, वर्षा जल बचा रहेगा

चैनल को डिसिल्टींग करके बनाया चेक डेम, वर्षा जल बचाया, चैनल बनी नहर

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Indore : वर्षा जल संरक्षण के लिए नगर निगम ने रालामंडल, कैलोद व सिल्वर स्प्रिंग के चैनल बनाए हैं। ये लिम्बोदी तालाब, बिलावली तालाब व कान्ह नदी का कैचमेंट एरिया है, जिसे नगर निगम ने चैनल को डिसिल्टींग करके चेक डेम का निर्माण किया गया। इस तरह वर्षाकाल के दौरान वर्षा के जल को संरक्षित किया जा रहा है।
पर्यावरण विशेषज्ञ सुरेश एमजी ने बताया कि वर्षाकाल के दौरान शहर के विभिन्न नालों व चैनल के माध्यम से इंदौर का वर्षा जल क्षिप्रा नदी, चम्बल नदी होते हुए, गंगा नदी तक चला जाता है। लेकिन, वर्षा जल संरक्षण के साथ ही चैनल में बनाए स्टाप डेम व नाले को ट्रीट करने पर अब इंदौर के वर्षा जल अब इंदौर में ही रहेगा।
रालामंडल, कैलोद व सिल्वर स्प्रिंग के चैनल पर लिम्बोदी तालाब, कान्ह नदी व बिलावली तालाब के कैचमेंट क्षेत्र का उद्गम स्थल है। इसे दृष्टिगत रखते हुए रालामंडल स्थित मिर्जापुर से चैनल को ट्रीट करने का कार्य प्रारंभ किया गया। इसके लिए निगम और एनजीओ संस्थान के माध्यम से उक्त चैनल को 2.5 मीटर चौडा व 3 मीटर गहरा किया।

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साथ ही मिर्जापुर उद्गम स्थल से लिम्बोदी तालाब तक पूरे चैनल को ठीक किया गया, जिसमें स्टॉप डेम रिचार्ज शाप्ट (रिव्हर्स बोरवेल) का कार्य किया गया। साथ ही आस-पास की चैनल पर और भी कार्य किया गया तथा चैनल की भू-जल संरचना, मिट्टी संरचना भी बनाई गई। इसके परिणाम स्वरूप वर्षा जल संरक्षण के तहत अब चैनल ने नहर का रूप लिया है। इस दौरान चैनल से निकलने वाले मिट्टी भी किसानों द्वारा खेती के उपयोग के लिए ली गई।