Raipur 11kg Ka Laddu Nilami: 10 सितंबर को होगी 11 किलो के लड्डू की नीलामी!

806

Raipur 11kg Ka Laddu Nilami: 10 सितंबर को होगी 11 किलो के लड्डू की नीलामी!

Raipur 11kg Ka Laddu Nilami: भगवान शिव ने कुबेर को देवी पार्वती द्वारा बनाया हुआ एक लड्डू दिया और गणेश को खिलाने को कहा। कुबेर अपने घर लौटे और लड्डू गणेश को भेंट किए। लड्डू खाकर गणेश का पेट भर गया और वे तृप्त हो गए। इसलिए, भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें लड्डू चढ़ाना शुभ माना जाता है।राजधानी के एक प्रमुख मंदिर में इस बार गणेशोत्सव का रंग कुछ अलग दिख रहा है। यहां 21 दिन तक चलने वाले विशेष कार्यक्रमों के बीच 10 सितंबर को भगवान को अर्पित 11 किलो का लड्डू नीलाम किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण होगा। मंदिर समिति ने बताया है कि यह परंपरा अनेक सालों से चल रही है और श्रद्धालु उत्साह के साथ हिस्सा लेते हैं; इस वर्ष भी श्रृंगार, अभिषेक और भव्य महाआरती के साथ श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिलेगा।

यह मंदिर अपनी 5.5 फीट ऊंची, काले ग्रेनाइट से बनी प्रतिमा के लिए पहचाना जाता है, जिसे सितंबर 2008 में आंध्रप्रदेश के राजमुंदरी से लाकर प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी। मंदिर समिति और आंध्रा एसोसिएशन के अध्यक्ष जी. स्वामी के अनुसार प्रतिमा की खास बात यह है कि इसे प्रतिदिन अलग-अलग सामग्री से श्रृंगार किया जाता है।

कुमकुम, हल्दी, चंदन और भस्म से अलग-अलग दिन भगवान का रूप बदलता दिखाई देता है, जिससे भक्तों को आश्चर्य और श्रद्धा के साथ दर्शन का अनुभव मिलता है। इस बार शुक्रवार को पूरे विग्रह पर 5 किलो कुमकुम का लेप किया गया, जो उत्सव की भव्य परंपरा को दर्शाता है।

god ganesh chaturthi hd photos wallpaper preview

10 सितंबर की शाम को पंडितों के साथ पंचामृत अभिषेक के बाद 11 किलो का विशेष लड्डू भगवान को भोग के तौर पर अर्पित किया जाएगा और तत्पश्चात यह लड्डू नीलामी के लिए रखा जाता है। (Prasad Auction) यह नीलामी केवल भक्तों की आस्था का उत्सव नहीं, बल्कि मंदिर के संचालन व समाजिक कल्याण के लिए दान का अवसर भी बनती है।

अधिकतम बोली लगाने वाला भक्त यह लड्डू अपने समाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों या निजी भोग के लिए ले जाता है। जो भक्त नीलामी में हिस्सा लेना चाहते हैं, उनसे अनुरोध है कि वे मंदिर समिति से अग्रिम पंजीकरण करवा लें और नीलामी के नियम पहले से प्राप्त कर लें ताकि सब कुछ पारदर्शी और व्यवस्थित ढंग से हो सके।

मंदिर में 21 दिन तक भगवान का भव्य श्रृंगार, प्रतिदिन की महाआरती और विशेष पूजाएँ रखी गई हैं। समारोह के प्रमुख कार्यक्रमों में श्रीचक्र पूजा और सुंदरकांड पाठ, 1100 लड्डुओं से भगवान का अभिषेक, नवग्रह अभिषेक, मणिव्दीप पूजा व हवन, श्री गणपति कल्याणम्, तथा महिलाओं द्वारा विशेष भजन और सर्वदेवता भजन शामिल हैं।

3 सितंबर को 1100 लड्डुओं के साथ विशेष अभिषेक होगा और 10 सितंबर का दिन पंचामृत अभिषेक व 11 किलो लड्डू समर्पण-नीलामी के लिए समर्पित है; इसके बाद 12 से 14 सितंबर तक महालक्ष्मी पूजा और महिलाओं के भजन कार्यक्रम होंगे, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव के साथ सामुदायिक जुड़ाव भी देंगे।

2 .Garh Ganesh Temple Jaipur : एक मंदिर ऐसा भी है जहां भगवान गजानन के सूंड नहीं है!