
रायपुर छत्तीसगढ़ का पहला शहर जहाँ लागू होगी पुलिस कमिश्नर प्रणाली
विनोद काशिव की रिपोर्ट
रायपुर: रायपुर छत्तीसगढ़ का पहला शहर बनने जा रहा है जहाँ पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की जाएगी । इस कदम को शहरी कानून-व्यवस्था को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 15 अगस्त को इसकी घोषणा की, जो राज्य के पुलिसिंग ढाँचे में एक ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है।
देश के कई प्रमुख भारतीय शहरों में पहले से ही पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू है जहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत अपराध, सार्वजनिक व्यवस्था और आपात स्थितियों से संबंधित मामलों में सीधे निर्णय लेने का अधिकार है । अधिकारियों का मानना है कि इस सुधार से रायपुर जैसे तेज़ी से बढ़ते शहरी क्षेत्रों में त्वरित प्रतिक्रिया, बेहतर अपराध रोकथाम और बेहतर जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
हालाँकि कमिश्नर प्रणाली पर चर्चाएँ वर्षों से चल रही थीं, लेकिन सायं सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद इस प्रक्रिया ने गति पकड़ ली। रायपुर के लिए प्रारंभिक ढाँचा लगभग पूरा हो चुका है, और उम्मीद है कि इस मॉडल को दुर्ग और बिलासपुर सहित 10 लाख से अधिक आबादी वाले अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा ।
नए ढांचे के तहत, कानून-व्यवस्था के मामलों में पारंपरिक रूप से ज़िला कलेक्टर के पास मौजूद अधिकार पुलिस आयुक्त के पास स्थानांतरित हो जाएँगे , जिससे नौकरशाही की देरी कम होगी और पुलिस स्तर पर तेज़ी से समाधान संभव होगा। यह व्यवस्था आयुक्तों को होटलों, बार और विरोध प्रदर्शनों के लिए परमिट जारी करने, आग्नेयास्त्रों के लाइसेंस देने और दंगों या भूमि विवादों में सीधे हस्तक्षेप करने का अधिकार भी देती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार निगरानी को मज़बूत करने के लिए, रायपुर को कई ज़ोन में विभाजित किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक का नेतृत्व एक पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) करेंगे। राज्य सरकार का मानना है कि यह कदम शासन के आधुनिकीकरण , कानून प्रवर्तन दक्षता में सुधार और तेज़ी से फैलते शहरी केंद्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है ।





