Raj Babbar : एक कलाकार-कई समीक्षक यानी  ‘र=राज : राज बब्बर-दिल में उतरता फसाना!’ 

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Raj Babbar : एक कलाकार-कई समीक्षक यानी  ‘र=राज : राज बब्बर-दिल में उतरता फसाना!’

फिल्म पत्रकार हेमंत पाल की रिपोर्ट 

 

फिल्मों में कुछ कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने आपको किसी सीमा में नहीं बांधा! उन्हें जहां और जब भी कोई चुनौती वाली भूमिका मिली, उन्होंने उससे मुंह नहीं मोड़ा और न अपनी पहचान खोने से डरे! जो कलाकार हीरो बनने आया हो वो ‘इंसाफ का तराजू’ जैसी फिल्म निगेटिव किरदार वाली फिल्म भी करेगा, ये आज भी संभव नहीं है! पर, राज बब्बर ने वो भी किया। फिल्मों से राजनीति में जरूर आए, पर अदाकारी का दामन नहीं छोड़ा! ऐसे बहुआयामी व्यक्तित्व पर किताब की शक्ल में एक संकलन जल्दी आने वाला है जिसमें उनके हर रूप का खुलासा है। इस किताब का नाम है ‘र=राज : राज बब्बर – दिल में उतरता फसाना!’ इस किताब के संपादक हैं, जाने-माने पत्रकार हरीश पाठक।

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राज बब्बर को नजदीक से जानने वालों में हरीश पाठक भी हैं। एक पत्रकार, दोस्त और उनके शुभाकांक्षी भी। लेकिन, इस किताब में हरीश पाठक ने राज बब्बर के व्यक्तित्व को लेखकों की नजरों से दिखाने की कोशिश की है। जब हरीश ने राज बब्बर पर कुछ लिखने का मूड बनाया तो उन्हें लगा कि ऐसे व्यक्ति पर तो अलग-अलग विचार सामने आना जरूरी है। यही कारण है कि उन्होंने ‘र=राज’ में बहुत से लेखकों, चिंतकों और फिल्मकारों को जोड़ लिया और स्वयं ने संपादन की जिम्मेदारी संभाली। हरीश पाठक उन पत्रकारों की जमात से हैं जो लम्बे समय तक ‘धर्मयुग’ से जुड़े रहे। बाद में उन्होंने कई प्रतिष्ठित अखबारों का संपादन किया। संपादक हरीश पाठक के शब्दों में ‘यह एक ऐसी किताब है जिससे गुजरकर आप अभिनेता, राजनेता राज बब्बर को कई कोणों से जान सकेंगे!’ राज बब्बर के प्रशंसकों के लिए यह एक  बेहतरीन संकलन है।

राज बब्बर से जुड़े संस्मरणों की इस किताब को ‘प्रलेक प्रकाशन’ प्रकाशित कर रहा है। इस किताब में राज बब्बर के बारे में कई प्रमुख लोगों के अनुभव, विश्लेषण और फ़िल्मी अनुभव शामिल  किए गए हैं। राज बब्बर से जुड़े अनुभव साझा करने वाले प्रमुख नाम हैं अरविंद कुमार, शाहरुख खान, चित्रा मुदगल, चंचल, सुरेंद्र पाल, राजेन्द्र गुप्ता, राजा बुंदेला, हसन कमाल, शरद राय, अतुल तिवारी, चित्रार्थ, उदयन शर्मा, संतोष भारतीय, सुमंत मिश्र, हेमंत पाल, आनंद शर्मा, अभय बेडेकर, प्रह्लाद अग्रवाल, ओम कटारे, बसंत पाल, त्रिलोक दीप, विनोद खत्री, प्रदीप सरदाना, विवेक शुक्ला और इंद्रमोहन पन्नू जैसे कई चर्चित नाम हैं।

प्रलेक द्वारा प्रकाशित  ‘राज बब्बर : दिल में उतरता फसाना’ इस प्रकाशन बैनर की हजारवीं किताब है और राज बब्बर पर पहली किताब। यह किताब अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध होगी। वास्तव में यह किताब किसी कलाकार के पूरे अभिनय काल के हर पहलू के चित्रण जैसा है। हर लेखक ने राज बब्बर के बारे में अलग-अलग नजरिया और सोच दर्शाया है। यह अपनी तरह की अनोखी किताब इसलिए भी है कि अभी तक बड़े कलाकारों ने खुद पर ही किताब लिखी या लिखवाई है। ये पहला प्रयोग है, जब किसी कलाकार के व्यक्तित्व और कला पक्ष को लेखक अपनी नजर से विश्लेषित कर रहे हैं।