Rajasthan: सेवानिवृत्त IAS अधिकारियों ने जिलों एवं संभागों के पुनर्निर्धारण को सराहा, सरकार के निर्णय को बताया व्यावहारिक
गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट
राजस्थान में भजन लाल सरकार द्वारा राज्य के नवगठित नौ जिलों और तीन संभागों के पुनर्निर्धारण के निर्णय को सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों ने सराहा है। उन्होंने इस फैसले को प्रशासनिक आवश्यकता, कानून व्यवस्था और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिकोण से उचित और व्यावहारिक बताया है।
राज्य सरकार ने शनिवार को 9 नए जिलों और 3 नए संभागों को समाप्त करने का निर्णय लिया था। इस कदम को अधिकारियों ने दूरदर्शी और जनहितकारी बताया है।
केरल के पूर्व मुख्य सचिव टी.आर. मीना ने कहा कि नए जिले वैज्ञानिक और भौगोलिक दृष्टि से सही नहीं थे। सरकार ने सर्वे और तर्कों के आधार पर जो निर्णय लिया, वह सूझबूझ भरा और व्यावहारिक है।
सेवानिवृत्त आईएएस सत्य प्रकाश बसवाला ने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है। इस सराहनीय फैसले के दूरगामी परिणाम नजर आएंगे।
सेवानिवृत्त आईएएस एस.एस. बिस्सा ने कहा कि 9 जिलों को समाप्त करने का निर्णय प्रशासनिक दृष्टि से सही है। समाप्त किए गए जिले छोटे हैं, जिनमें क्षेत्रफल और जनसंख्या भी कम है। यह निर्णय पूरी तरह उचित है।
जयपुर के पूर्व कलक्टर और सेवानिवृत आईएएस अधिकारी अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि जयपुर ग्रामीण और जोधपुर ग्रामीण जैसे जिलों का कोई औचित्य नहीं था। छोटे जिलों का प्रशासनिक वितरण और डिमार्केशन जटिल हो जाता है। यह निर्णय व्यावहारिक और प्रभावी है।
सेवानिवृत आईएएस अधिकारी शिवजीराम प्रतिहार ने कहा कि केकड़ी जैसे जिले निर्धारित मापदंडों पर खरे नहीं उतरते। सरकार का यह निर्णय विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर और जनहित में लिया गया है।
सेवानिवृत आईएएस अधिकारी डॉ. मोहन लाल यादव कहा कि नए जिलों का सुव्यवस्थित विकास आवश्यक है। मानव संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देकर ही जनता को सही लाभ मिल सकता है।
नगर निगम जयपुर पूर्व सचिव चंद्र प्रकाश कटारिया ने कहा कि छोटे जिलों को समाप्त करने से अनावश्यक व्यय में कमी आएगी। यह बजट विकास कार्यों में खर्च किया जा सकेगा।
राज्य सरकार ने विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर यह निर्णय लिया। समिति ने पाया कि नए जिलों और संभागों का गठन प्रशासनिक और वित्तीय दृष्टि से अव्यावहारिक था। यह निर्णय जनता को अधिक प्रभावी प्रशासन और सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि भजन लाल सरकार ने सेवानिवृत्ति अधिकारी डॉ ललित के पवार के अध्यक्षता में अशोक गहलोत सरकार द्वारा बनाये गये सत्रह नए ज़िलों और तीन संभागों के गठन के व्यावहारिकता का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया था जिसकी रिपोर्ट पर मंत्रिमंडलीय उप समिति की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने नौ नये जिलों और तीन संभागों को समाप्त करने का फैसला लिया था।