Rajasthan: सोमवार को नाम वापसी के बाद स्पष्ट होगी लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की स्थिति
गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट
राजस्थान में 18 वीं लोकसभा के लिए पहले चरण के चुनाव में 12 लोकसभा सीटों गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर में सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा।
भाजपा ने राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर और कांग्रेस ने 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे है। साथ ही बसपा सहित अन्य दलों ने भी अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे है। बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतर कर अपना भाग्य आजमाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस ने चूरू (राहुल कस्वां), कोटा-बूंदी (प्रह्लाद गुंजल) और बाड़मेर (उम्मेदाराम) में दूसरी पार्टी से आए नेताओं को टिकट दिया है,वहीं भाजपा ने बांसवाड़ा में कांग्रेस से आए महेंद्रजीत सिंह मालवीय को मैदान में उतारा है। नागौर की प्रत्याक्षी ज्योति मिर्धा भी विधान सभा चुनाव से पहले कांग्रेस में ही थी।
राजस्थान में लोकसभा के चुनाव दो चरणों में पूरे होंगे। पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। दूसरे चरण में लोकसभा की 13 लोकसभा सीटों टोंक-सवाईमाधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर-सिरोही , उदयपुर, बासंवाड़ा-डूंगरपुर, चितौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा-बूंदी और झालावाड़-बारां सीटों पर 26 अप्रैल को वोट पड़ेंगे। दूसरे चरण की सीटों पर चुनावी मैदान में टिके रहने वाले उम्मीदवारों की स्थिति सोमवार को उम्मीदवारों द्वारा नामजदगी के पर्चे वापस लेने के बाद स्पष्ट हो जाएगी।
राजस्थान में पहले चरण की 12 लोकसभा सीटों पर राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से कई दिग्गजों के मध्य कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
श्रीगंगानगर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर प्रियंका बालन ने नामांकन दाखिल किया है। वे अनूपगढ नगर परिषद की सभापति हैं और पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। उधर कांग्रेस ने कुलदीप इंदौरा को चुनाव मैदान में उतारा है।
बीकानेर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार उनका मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस के गोविंद राम मेघवाल से होगा। गोविंद राम गहलोत राज में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हालांकि हाल में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
चूरू लोकसभा में इस बार तगड़ा उलटफेर देखा गया। भाजपा से सांसद रहे राहुल कस्वां को पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया तो वे कांग्रेस में शामिल हो गए। पार्टी में आते ही कांग्रेस ने उन्हें चुरू से प्रत्याशी घोषित कर दिया। कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर राहुल कस्वां और भाजपा की ओर से पैरा ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया चुनाव मैदान में उतरे हैं।
दौसा लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक मुरारीलाल मीणा के सामने भाजपा ने अपनी निवर्तमान सांसद जसकौर मीणा का टिकट काट कर नए प्रयाक्षी कन्हैयालाल मीणा को टिकट दिया है।
मुरारी लाल मीणा पिछली दो बार से कांग्रेस के टिकट पर दौसा से विधायक बने हैं। इस टिकट के पीछे ये भी माना जा रहा है कि मुरारीलाल को सचिन पायलट से वफादारी निभाने का पुरस्कार मिला है। पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में
भाजपा की निवर्तमान सांसद जसकौर मीणा ने दौसा लोकसभा सीट पर 548733 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस की सविता मीणा 470289 वोट हासिल कर हार गई थीं।
करौली-धौलपुर सीट पर भाजपा ने पिछली दो बार के सांसद डॉ मनोज राजोरिया का टिकट काट कर नई उम्मीदवार इंदु देवी जाटव को अपना प्रत्याशी बनाया है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इंदु देवी लंबे समय तक करौली पंचायत समिति में प्रधान रहीं हैं। इन्हें टिकट देने कारण जाटव और सक्रिय राजनीतिक में उनकी अच्छी पकड़ माना जा रहा है।इधर कांग्रेस ने इंदु देवी के सामने पूर्व मंत्री भजनलाल जाटव को टिकट दिया है। वे दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्हें इस सीट से टिकट देने का कारण यह बताया जा रहा है कि वे मजबूत प्रत्याशी और जाटव हैं। वर्ष 2019 में भाजपा के डॉ मनोज राजोरिया ने कांग्रेस के संजय कुमार को इस सीट पर हराया था।
झुंझुनूं लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़ का टिकट काट कर पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी को टिकट दिया है। उनके सामने मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत शीशराम ओला के पुत्र पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक बृजेंद्र ओला चुनाव मैदान में है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर की लोकसभा सीट पर भी भाजपा के लगातार दो बार के सांसद राम चरण बोहरा का टिकट काट कर पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और भैरों सिंह शेखावत के मुख्यमंत्रित्व काल में मंत्री रहें भंवर लाल शर्मा की पुत्री मंजू शर्मा को चुनाव लड़ाया जा रहा है। उनके सामने कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता भैरों सिंह शेखावत के भतीजे और पूर्व केबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को टिकट दिया है।
जयपुर ग्रामीण सीट पर निवर्तमान सांसद कर्नल राज्य वर्धन सिंह राठौड़ के राजस्थान का विधायक और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की सरकार ने मंत्री बनने के कारण पूर्व विधान सभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह को भाजपा का प्रत्याक्षी बनाया गया है। यहां कांग्रेस ने युवा नेता अनिल चोपड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है।
राजस्थान के पूर्वी प्रवेश द्वार अलवर की सीट से भाजपा ने केंद्रीय श्रम वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां के निवर्तमान सांसद बालक नाथ के विधायक चुने जाने से यादव को इस सीट पर लाया गया है। यादव राज्य सभा सांसद की हैसियत से मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल हुए है। इस सीट पर कांग्रेस ने अपने सीटिंग एमएलए ललित यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है।
इसी प्रकार उत्तरप्रदेश से सटी ब्रज भूमि भरतपुर से भाजपा ने अपनी मौजूदा सांसद रंजीता कौली के स्थान पर पूर्व सांसद रामस्वरूप कोली को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने यहां से नई उम्मीदवार संजना जाटव को चुनाव मैदान में उतारा है। भरतपुर की सीट मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का गृह जिला भी है।
इधर नागौर-सीकर में कांग्रेस का इंडिया अलायन्स से गठबंधन हुआ है।इसलिए कांग्रेस ने इन दौनो सीटों पर अपने उम्मीदवार नही उतारे है।
सीकर लोकसभा सीट पर भाजपा ने निवर्तमान सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती को तीसरी बार टिकट दिया है। सुमेधानंद लगातार सीकर से सांसद हैं। उन्हें टिकट देने का खास कारण यह बताया जाता है कि वे संत आर्य समाज का बड़ा चेहरा हैं और सीकर लोकसभा क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ भी है। इधर कांग्रेस ने यहां गठबंधन के तहत सीपीएम नेता अमराराम को टिकट दिया है। वे तीन बार धोद और एक बार दांतारामगढ़ से विधायक रह चुके हैं। उन्हें टिकट दिए जाने का खास कारण ये है कि वे सीपीएम में बड़े जनाधार वाले नेता हैं और उनकी लोगों में अच्छी छवि एवं पकड़ है। साथ ही ग्रामीण इलाकों में उनका बड़ा नेटवर्क भी है। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के सुमेधानंद सरस्वती ने 7,72,104 वोट हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस के सुभाष महरिया 4,74,948 वोट प्राप्त कर लोकसभा का चुनाव हार गए थे। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सुभाष महरिया अब पुनः भाजपा में शामिल हो गए है।
नागौर लोकसभा सीट पर भाजपा ने कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं ज्योति मिर्धा को अपना प्रत्याशी बनाया है। ज्योति मिर्धा का परिवार लंबे समय तक कांग्रेस से जुडा रहा है लेकिन विधानसभा चुनावों से पहले ज्योति मिर्धा ने भाजपा का दामन थाम लिया था। इधर कांग्रेस ने नागौर सीट पर आरएलपी से गठबंधन के तहत विधायक हनुमान बेनीवाल को ज्योति मिर्धा के सामने मैदान में उतारा है। गौरतलब है कि ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल पिछले लोकसभा चुनावों में भी आमने-सामने थे। इस बार भी दोनों आमने सामने हैं लेकिन दोनों की पार्टियां बदल चुकी हैं। हनुमान बेनीवाल ने पिछला चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में लडा था लेकिन बाद में वे किसान आंदोलन के दौरान भाजपा से अलग हो गए। विधान सभा चुनाव से ऐन वक्त पहले उन्होंने लोकसभा सांसद रहते राजस्थान विधान सभा चुनाव लडा और उसमें जीतने के बाद उन्होंने सांसद पद छोड़ दिया। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में
आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने 660051 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी वहीं कांग्रेस के टिकट पर ज्योति मिर्धा मैदान में थीं आए वे हनुमान बेनीवाल से करीब पौने दो लाख वोटों से चुनाव हारी थीं।
इस प्रकार लगता है कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव में भाजपा कांग्रेस और गठबंधन दलों के मध्य कांटे की टक्कर वाले रहने वाली है। देखना है आने वाले चुनाव में इस बार किन उम्मीदवारों का भाग्य चमकता है?