Rajbada Clean After Rangpanchami: 550 सफाईकर्मियों ने 2 घंटे में रंगपंचमी का रंग धो दिया!
इंदौर से गोविंद राठौर की रिपोर्ट
Indore : रंगपंचमी से सराबोर हुआ राजबाड़ा का 4 किलोमीटर का इलाका दो घंटे में साफ कर दिया गया। 2 बजे के बाद जब रंग खेलने वाले लौट गए तो नगर निगम के सफाईकर्मी सड़क पर उतर आए और 4 बजे तक पूरा इलाका साफ हो गया। नगर निगम ने संदेश दिया कि लगातार 6 बार स्वच्छता में नंबर वन रहने वाले इंदौर के राजबाड़ा इलाके को रंगपंचमी के मौके पर भी कुछ घंटों में कैसे स्वच्छ किया जा सकता है।
शाम 4 बजे तक राजवाड़ा ही नहीं पूरा गेर मार्ग ही साफ कर दिया। सफाई के लिए नगर निगम और मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने पहले ही प्लान बना लिया था। गेर के कारण सड़कों पर फैले रंग-गुलाल और अन्य की सफाई की जिम्मेदारी कर्मचारियों के कंधों और मशीनों पर दी। कर्मचारियों ने भी रंगपंचमी के इस उत्साह के बाद राजवाड़ा और आसपास के हिस्सों को साफ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कर्मचारियों ने हाथों में झाड़ू आदि सामान लेकर इलाका पहले की तरह चमक गया।
रंगपंचमी पर राजबाड़ा और आसपास के करीब 4 किलोमीटर के क्षेत्र में करीब 5 घंटे तक रंगबिरंगी गेर की भारी धूम रही। आसपास की सड़कें और राजबाड़ा परिसर रंगों में रंगा दिखाई दिया। इसके बाद नगर निगम के सफाईकर्मियों ने मोर्चा संभाला। एक घंटे में ही राजवाड़ा की सड़क और गार्डन की बाउंड्री साफ कर दी। इसे देखकर ऐसा लगा मानो कुछ हुआ ही न हो।
गेर के बाद निगम के करीब 550 कर्मचारियों की टीम सफाई की मशीनों के साथ मैदान में उतरी। गेर के कारण सड़कों पर फैले रंग-गुलाल, थैलियां, चप्पल-जूते, कपड़ों के टुकड़ों को साफ करने में सभी लग गए। कर्मचारियों ने अलग-अलग कोनों से मैदान संभाला और डेढ़ घंटे में सड़कें चकाचक कर दी।
इतना अमला और मशीनें लगी
साफ-सफाई में 550 कर्मचारियों का अमला, 15 स्वीपिंग मशीन, 5 हाईप्रेशन जेट्स जुटे। 10 कचरा कलेक्शन वाहन, 10 से ज्यादा ट्रेक्टर भरकर जूते-चप्पल व अन्य कचरा भरकर ले जाया जा चुका हैं। पिछले साल से तीन से चार गुना कचरा ज्यादा है। केवल राजवाड़ा पर 8 से 10 टन कचरा हुआ है। वहीं नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर सिद्धार्थ जैन ने बताया कि राजवाड़ा और उसे जोड़ने वाले सभी रास्तों की सफाई की गई। हमने एक से डेढ़ घंटे में ही राजवाड़ा को साफ कर दिया है।
आखिरी गेर निकलते ही सफाई शुरू
आखिरी गेर निकलते ही नगर निगम के सफाई मित्रों ने मोर्चा संभाल लिया था। कर्मचारियों की कुछ घंटों की मेहनत के बाद उसे वापस वैसा ही कर दिया। सुबह जहां लाखों लोग राजवाड़ा और उसके आसपास थे। सफाई के बाद लगा ही नहीं कि यहां इतने लोगों ने रंग गुलाल खेला होगा।