बहुचर्चित महेंद्र गुप्ता हत्याकांड का मुख्य आरोपी राजकुमार सिंह उर्फ रानू राजा गिरफ्तार,पिछले 5 वर्षों से फरार था!

90 हजार रूपये के ईनामी अपराधी पर जिले के विभिन्न थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध हथियार रखना सहित 9 संगीन अपराध दर्ज थे 

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बहुचर्चित महेंद्र गुप्ता हत्याकांड का मुख्य आरोपी राजकुमार सिंह उर्फ रानू राजा गिरफ्तार,पिछले 5 वर्षों से फरार था!

 

राजेश चौरसिया की रिपोर्ट 

छतरपुर: छतरपुर जिले के थाना ईशानगर के ग्राम सीगोन के रानू राजा की कई वर्षों से ग्राम ईशानगर के पूर्व सरपंच महेन्द्र गुप्ता से पारिवारिक रंजिश चल रही थी जिसका बदला लेने के लिये आरोपी द्वारा अपने परिवार के सदस्य व शूटरों के साथ मिलकर दिनांक 04.03.24 को छतरपुर शहर में गजराज पैलेस के सामने रोड पर गोली मारकर हत्या कर फरार हो गये थे।

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मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा विभिन्न टीम बनाई गई और सभी पहलुओं पर व्यापक स्तर पर कार्य किया गया। जहां छतरपुर पुलिस द्वारा कङी मशक्कत कर आरोपी रानू राजा एवं उसके फऱार साथियों के सभी संभावित ठिकानों पर दबिश की जा रही थी।

गठित टीमों द्वारा आरोपीगणों की तलाश के दौरान मुख्य आरोपी रानू राजा के कुल 10 साथीदारो को घटना में प्रयुक्त हथियारों के साथ पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका था। लेकिन मुख्य सरगना फरार ईनामी आरोपी रानू राजा पुलिस की गिरफ्त से दूर था।कल रात्रि में सिविल लाइन पुलिस को मुखबिर सूचना मिली कि रानू राजा को छतरपुर टीकमगढ़ बॉर्डर के पास देखा गया है जिस पर टीम द्वारा रात्रि में घेराबंदी कर मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

आरोपी ने प्रारम्भिक पूछताछ में इन प्रकरण को स्वीकार करने के अलावा बताया कि वर्ष 2019 में ग्राम सीगोन में भोपाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर फरार हो गया था तथा मुख्य साक्षी ग्राम सीगोन के महेश लुहार के ऊपर न्यायालय में साक्ष्य बदलने हेतु निरंतर दबाब बनाया गया एवं साक्ष्य न बदलने की स्थिति में हत्या करने की धमकी दी गई जब महेश लुहार ने प्रकरण में साक्ष्य बदलने से इंकार किया गया तो फरार आरोपी रानू राजा द्वारा अपने साथियों साथ मिलकर षडयंत्र रचकर गुमशुदा को प्रेम जाल में फांसकर अपहरण कर बंधक बनाया गया व भेद खुल जाने के भय से एक राय होकर गुमशुदा महेश लुहार की चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी गई। उसकी पहचान मिटाने के उद्देश्य से उसके शव को चंबल नदी में फेंका गया।o

आरोपियों द्वारा उक्त हत्या के बाद अर्जुन सिंह निवासी बमीठा की हत्या करना स्वीकार किया गया। सभी प्रकरणों के विभिन्न पहलुओं की बारीकी से जांच/विवेचना की जा रही है और अन्य तथ्यों को खोजा जा रहा है। पुलिस विवेचना अभी जारी है।

*●गठित पुलिस टीम और इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका..* 

निरीक्षक वाल्मीकि चौबे, उपनिरीक्षक धर्मेन्द्र अहिरवार, उप निरीक्षक शैलेन्द्र चौरसिया, उपनिरीक्षक दीपक यादव, उपनिरीक्षक अतुल कुमार झा, उपनिरीक्षक किशोर पटेल, उपनिरीक्षक वीरेन्द्र रैकवार, उपनिरीक्षक राजकुमार तिवारी, उपनिरीक्षक संजय पाण्डेय, प्रधान आरक्षक सतेन्द्र त्रिपाठी, प्रहलाद, भूपेन्द्र अहिरवार, बृजेश यादव, आरक्षक नरेश, धर्मेन्द्र चतुर्वेदी, भूपेन्द्र यादव, अरविंद यादव, पवन कुमार संजीव कुमार, बृजभान सिंह, रामप्रताप कुशवाहा, गौरव तिवारी, सतीश यादव, नरेन्द्र प्रजापति, दयाराम पटेल, श्याम सुंदर पाठक, धर्मेन्द्र पटेल।

और सायबर सेल टीम से उपनिरीक्षक संदीप खरे, उपनिरीक्षक सिद्धार्थ शर्मा, उपनिरीक्षक कल्पना गुप्ता, प्रधान आरक्षक किशोर रैकवार, संदीप तोमर, आरक्षक विजय ठाकुर, धर्मराज पटेल व सागर सायवर सेल से विजय शुक्ला, मुकेश राजगीर एवं आई.टी. सेल से राहुल भदौरिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।