
Rajya Sabha Gets New Intellectual Power: 4 क्षेत्रों के दिग्गज उच्च सदन में, जानिए इन चारों दिग्गजों की विशेषताएं
राज्यसभा की बेंच पर अब सिर्फ राजनीति नहीं, हर क्षेत्र की विशेषज्ञता की गूंज सुनाई देगी
नई दिल्ली: राज्यसभा की बेंच पर अब सिर्फ राजनीति नहीं, हर क्षेत्र की विशेषज्ञता की गूंज सुनाई देगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के ऊपरी सदन के लिए ऐसे चार चेहरों को चुना है, जिनकी पहचान सिर्फ पद से नहीं, बल्कि उनके काम और समाज में गहरी छाप से है। ये नामांकन 12 जुलाई 2025 को गृह मंत्रालय की अधिसूचना के तहत हुए, और इन पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी खास भरोसा जताया है।
1.उज्ज्वल निकम-
भारतीय न्याय व्यवस्था के सबसे चर्चित अभियोजक, उज्ज्वल निकम ने आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ देश की सबसे बड़ी कानूनी लड़ाइयों का नेतृत्व किया। 26/11 मुंबई हमला, 1993 ब्लास्ट, जर्मन बेकरी के हर जगह उनकी दलीलें गूंजती रहीं। उनकी सख्त छवि और निर्भीकता ने उन्हें आम लोगों के बीच ‘न्याय का योद्धा’ बना दिया है।
2.सी. सदानंदन मास्टर-
केरल के गांवों से निकलकर राष्ट्रीय मंच तक पहुंचे सदानंदन मास्टर शिक्षा और समाज सेवा के पर्याय हैं। उन्होंने सरकारी स्कूलों में नवाचार, डिजिटल लर्निंग और ग्रामीण युवाओं के लिए सैकड़ों प्रोजेक्ट्स शुरू किए। महिला सशक्तिकरण और बाल शिक्षा में उनके योगदान को कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है।
3.हर्षवर्धन श्रृंगला-
भारत की विदेश नीति के ‘शांत राजदूत’ माने जाने वाले श्रृंगला ने अमेरिका, बांग्लादेश, थाईलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व किया। कोविड काल में ‘वैक्सीन मैत्री’ जैसी पहल हो या पड़ोसी देशों से रिश्ते—हर जगह उनकी कूटनीतिक सूझबूझ दिखी। विदेश मंत्रालय में उनकी रणनीति और संवाद शैली को आज भी मिसाल माना जाता है।
4.डॉ. मीनाक्षी जैन-
इतिहास, संस्कृति और भारतीय परंपरा की गहरी समझ रखने वाली डॉ. जैन ने अपनी किताबों और शोध से ऐतिहासिक विमर्श को नई दिशा दी। दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहते हुए उन्होंने युवाओं को भारतीयता और इतिहास से जोड़ने का काम किया। उनकी रचनाएं समाज में वैचारिक संवाद को समृद्ध करती हैं।
इन नामांकनों से राज्यसभा अब सिर्फ राजनीति का मंच नहीं, बल्कि समाज, कानून, शिक्षा और कूटनीति की साझा प्रयोगशाला बनेगी।
यह चयन दिखाता है कि संसद में अब हर क्षेत्र की असली आवाज और अनुभव को महत्व मिलेगा, और यही भारतीय लोकतंत्र की असली खूबसूरती है।





