चेला पस्त,गुरु अस्त

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ज्योतिष में गुरु के अस्त होने के मायने अलग हैं ,लेकिन लोकजीवन में गुरु के अस्त होने के मायने अलग हैं .अस्त होना यानि डूबना .अदृश्य होना समाप्त होना माना जाता है .ये तीनों ही क्रियाएं अशुभ मानी जाती हैं .गुरु के अस्त होते ही ज्योतिषी कह देते हैं कि अब कोई शुभ कार्य नहीं होगा .बावजूद राजनीति के लोग नहीं मानते .वे अपनी धुन में मस्त रहते हैं .

हमारे एक प्रिय कवि थे प्रदीप चौबे. अब नहीं हैं किन्तु उनकी कविताएं आज भी हैं .उन्होंने एक बार लिखा था –
‘ जिस पे देवी का हस्त है प्यारे
उसका पिल्ला भी मस्त है प्यारे

मुझे लगता है कि प्रदीप जी की बात भी गुरु के अस्त होने से जुड़ी हुई है ,अन्यथा गुरु के अस्त होने की खबर से ही चेलों के चेहरों पर उदासी की स्याही उभरती न दिखाई देती .भारत की राजनीति में इन दिनों गुरु-चेले का युग चल रहा है. परिवारवाद का युग पीछे चला गया है ,हालांकि परिवारवाद पूरी तरह अस्त नहीं हुआ है .उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में गुरु के अस्त होने के आसार मतदान के हर चरण के बाद बढ़ते दिखाई देते हैं .लेकिन मै उन लोगों में से हूँ जो तब तक किसी बात पर भरोसा नहीं करते जब तक की उसे आँखों से देख न लें .

गुरु का अस्त होना एक तय क्रिया है ,लेकिन गुरु कोई हमेशा के लिए तो अस्त नहीं होता ! वापस उदय भी होता है .इसीलिए मुझे लगता है कि उत्तर प्रदेश में भी गुरु और गुरु घंटाल मिलकर कोई खेल आखरी वक्त में न कर दिखाएँ .सत्ता में बने रहने के लिए केवल गुरु होने से काम नहीं चलता.गुरु का गुरुघंटाल होना बहुत जरूरी है .संयोग से इस मामले में हमारे नेता एक से बढ़कर एक हैं .वे केवल सत्तारूढ़ दल में ही नहीं अपितु हर दल में हैं.गुरु घंटाल हर दल की जरूरत है .
पंचांग के अनुसार गुरु 32 दिनों के लिए अस्त हो रहे हैं. 27 मार्च 2022 को गुरु उदय होंगे. गुरु अस्त होने से मेष से मीन राशि तक के जातकों पर इसका प्रभाव पड़ेगा.सुना है कि गुरु की राशि बृश्चिक और चेले की कुम्भ राशि है इसलिए इनके अस्त होने और न होने के अवसर फिफ्टी-फिफ्टी हैं. गुरु के अस्त होने से क्या-क्या अस्त हो सकता है कह पाना कठिन है ,क्योंकि आने वाले 32 दिन देश पर भारी लगते हैं .इन दिनों में देश की राजनीति क्या करवट लेगी,कोई नहीं जानता .कम से कम मै तो नहीं जानता .

अब देखिये न राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरु अस्त होने से पहले ही एक के बाद एक लोक लुभावन घोषणाएं कर डालीं. वे पुरानी पेंशन बहाल करने जा रहे हैं. एक लाख नौकरियां देने जा रहे हैं ,50 यूनिट बिजली मुफ्त में देने जा रहे हैं .विधानसभा चुनाव से पहले ही इस तरह की घोषणाएं या तो कोई जादूगर कर सकता है या फिर कोई गुरुघंटाल .संयोग से अशोक गहलोत दोनों का समिश्रण हैं . वे बीते वर्षों में अपना जादू भी दिखा चुके हैं और गुरुत्वाकर्षण भी .भाजपा ऐडही-छोटी का जोर लगाकर भी राजस्थान की सत्ता नहीं हथिया पाई .भाजपा को वहां कोई राजघराना इस काम के लिए नहीं मिला .

हमारे ज्योतिषी ने गुरु को सलाह दी है कि गुरु आपके चतुर्थ भाव में अस्त हो रहे है। जिसे सुख या माता का स्थान कहा जाता है। इस दौरान माता की सेहत का ध्यान रखें। कार्यस्थल पर आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।कुम्भ राशि वाले चेले कि लिए ज्योतिषियों की सलाह है कि गुरु अस्त आपके लिए स्वास्थ्य संबंधी परेशानी ला सकता है। इस दौरान किसी भी तरह का फैसला जल्दबाजी में न लें। नौकरी में स्थान परिवर्तन संभव है।संयोग से गुरु कि अस्त होने का हमारी राशि वालों पर ज्यादा असर नहीं पड़ता दिखाई दे रहा .हालाँकि तुला राशि वालों के गुरु अस्त की अवधि में सुख-सुविधाओं में कमी आएगी। जमीन-जायदाद लेने की सोच रहे हैं तो, मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। किसी भी तरह का जल्दबाजी में फैसला न लें।

फैसला करने में हम तुला राशि वाले पहले से फिसड्डी हैं और शायद इसीलिए भाजपा वाले तुला राशि कि नेताओं को नेता नहीं मानते और उन्हें पप्पू कहते हैं .ये बात और है कि इन पप्पूओं की वजह से गुरु जी की रातों की नींद और दिन का चैन हराम रहता है .तुला राशि वालों कि पास बिच्छू जैसा डंक नहीं होता फिर भी वे सबसे अलग होते हैं .वे कुम्भ राशि वालों की तरह भगवाधारी भी नहीं होते .बहरहाल बात गुरु कि अस्त होने की है .भगवान न करे की किसी का भी गुरु अस्त हो .

गुरु कि अस्त होते ही तमाम शुभ कार्यों पर ब्रेक लग जाता है .इस वजह से हमारे जैसे दिहाड़ी मजदूरों की रोजी-रोटी पर बन आती है .हम दिहाड़ी मजदूरों कि लिए तो चुनाव भी किसी उत्सव से कम नहीं होता .इस दौरान कम से कम हमें दो जून की रोटी तो हासिल हो ही जाती है .हम मजदूर मेहनत करते हैं और सबके लिए करते हैं.दलगत भाव से ऊपर उठकर करते हैं .हमें हमारी मजदूरी से मतलब .किसका गुरु डूब रहा है और किसका उदित हो रहा है ,इससे हमें कोई लेना-देना नहीं होता .फिर भी हर दिहाड़ी मजदूर चाहता है कि गुरु कम से कम दिनों केलिए अस्त हो ताकि देश में शुभ कार्य चलते रहें,बंद हों .

ज्योतिषी हर वक्त सही हों ये भी सच नहीं है. अब देखिये न हमारे हत्यारे राम-रहीम और कवियारे कुमार विश्वास का भाग्य गुरु अस्त होने से पहले ही उदित हो गया .दोनों को जेड और वाय श्रेणी की सुरक्षा मिल गयी .हम जैसे आम आदमी तो कल भी असुरक्षित थे और आज भी असुरक्षित हैं .हमारी सुरक्षा की परवाह किसी को नहीं है .ये विशेष सुरक्षा चक्र भी गुरु घंटालों कि लिए बने हैं .कोई अदालत इन्हें गैरकानूनी नहीं मानती .मुमकिन है कि आने वाले दिनों में सरकार ऐसा क़ानून ही बना दे कि फर्लो जैसी जमानतों पर जेल से बाहर आने वाले हर बाबा-बैरागी और चारण-भाट को सरकार की और से निशुल्क विशेष श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी .वैसे भी सरकार ने अनेक नेताओं की सुरक्षा कम कर दी है इसलिए राम-रहीम बिरादरी कि लोगों को विशेष सुरक्षा चक्र उपलब्ध करने में कोई परेशानी नहीं हैं .