Rakhi in Central Jail : 2000 कैदी भाइयों की कलाई पर बहनों ने राखी बांधी!
Indore : हर साल की तरह इस साल भी केंद्रीय जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन पर भाई-बहन की मुलाकात को लेकर विशेष व्यवस्था की। निर्धारित समय शाम 5 बजे तक करीब 2000 बहनों की जेल परिसर में उनके कैदी भाइयों से मुलाकात कराई गई। जेल प्रशासन के मुताबिक सेंट्रल जेल में अभी 24 सौ कैदी है। बहनों ने जेल में बंद अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी और उनके जेल से जल्द छूटने की दुआ मांगी।
केंद्रीय जेल परिसर में भाई-बहन का पवित्र त्यौहार राखी उत्साह के साथ बनाया गया। इस मौके पर बहनों ने अपने भाइयों का माथा चूमते हुए उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर भविष्य में किसी तरह का कोई अपराध न करने की दुआ की। साथ ही जल्द जेल से रिहा होकर अपना जीवन बेहतर तरीके से जिए इसको लेकर मन्नत मांगी।
जेल प्रशासन ने कैंटीन में राखी और नारियल की व्यवस्था की। परिजनों को बाहर से सिर्फ मिठाई और फल लाने की अनुमति थी। इसके अलावा अन्य कोई भी वस्तु लाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया। सुबह 8 बजे से राखी बांधने की शुरुआत हुई, जो शाम 5 बजे तक चली। अनुमान के अनुसार करीब 2000 कैदी भाइयों की कलाई पर बहनों ने रक्षा सूत्र बांधे।
जेल अधीक्षक डॉ अलका सोनकर का कहना था कि इंदौर के केंद्रीय जेल में सभी त्योहारों को मनाया जाता है, ताकि जेल में बंद कैदियों को अपने परिवार की कमी महसूस न हो। सिर्फ हिन्दू भाई ही नहीं, कई मुस्लिम बहनों ने भी अपने कैदी भाइयों को राखी बंधी। केंद्रीय जेल अधीक्षक का कहना है कि रक्षाबंधन पर्व के लिए जेल मैं तमाम तरह की सुरक्षा व्यवस्था है। जिसमें सीसीटीवी कैमरे और जेल कर्मचारी व्यवस्था बनाने में लगे रहे। मेन गेट पर अपना पहचान पत्र दिखाने के बाद ही जेल परिसर में प्रवेश दिया गया। वहीं कुछ महिला बंदी भी जेल में बंद हैं, जिनके भाइयों ने भी उनसे जाकर मुलाकात की। उन्हें भी पूरी सरलता के साथ मुलाकात कराई गई।
इस दौरान भाई-बहन की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए बहनें और भाई अपने आंसू नहीं रोक पाए। जेल में बंद कैदी अपनी बहनों और बच्चों से लिपटकर रोते नजर आए।
वही कैदियों का कहना है कि एक गलती की सजा पूरे परिवार को मिलती है। इस रक्षाबंधन पर सभी कैदियों ने जेल से छूटकर नेक इंसान बनने का संकल्प लिया। वही बहनों ने भी अपने भाइयों को जल्दी जेल से रिहा होने का आशीर्वाद दिया।