रक्षा बंधन २०२२ राखी बांधने के महूरत
पंचांग के अनुसार सावन की पूर्णिमा 11 अगस्त को ही है।
लेकिन इस दिन पूर्णिमा सुबह 10:40 AM से शुरू होगी , जो कि 12 अगस्त को 7:05 AM पर समाप्त होगी।
जबकि भद्राकाल सुबह 10.40AM से रात 08:53 PM तक रहेगा,
ऐसे में राखी बांधने का वक्त रात 08 बजकर 53 के बाद ही है।
भद्रा द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा।
श्रावणी नृपतिं हन्तिं ग्रामं दहति फाल्गुनी।
अर्थात् भद्राकाल में रक्षाबंधन और होलिका दहन कदापि ना करें(धर्मसिन्धु एवं निर्णय सिंधु)
शास्त्र वचनानुसार भद्रा बीतने के बाद प्रदोषकाल में रक्षाबंधन करें फिर चाहे रात्रि ही क्यों ना हो। (निशीथ काल से पहले) अतः 11 अगस्त गुरुवार को रात्रि 8:53 से 9:50 के बीच में रक्षाबंधन करना श्रेयस्कर रहेगा।
12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि प्रातः 07:05 तक ही है अतः त्रिमुहूर्त्ताल्पा होने से रक्षाबंधन किसी भी स्थिति में 12 अगस्त को नहीं हो सकता है।
भद्रा :- ‘भद्रा’ भगवान सूर्य की बेटी और न्याय के देवता शनिदेव की बहन हैं। उन्हें काल के एक अंश का वरदान मिला हुआ है, उनका रूप भी काफी विकराल है, वो जरा भी अपमान और नियम के विरूद्ध काम को बर्दाश्त नहीं करती हैं। जिसके कारण ही उनके काल समय में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है।
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