राम प्रतिज्ञा स्थल सिद्धा पहाड़ मामला: कलेक्टर ने शुरू कराई जांच, PMO पहुंची कम्प्लेन

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भोपाल: भगवान राम की आस्था से जुड़े सिद्धा पहाड़ पर खनन अनुमति दिए जाने के मामले में आस्थागत विरोध और धार्मिक महत्व की बात सामने आने के बाद सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। चूंकि अभी लोक जनसुनवाई में एक माह का समय है, इसलिए सभी तथ्यों की जांच के बाद इस मामले में शासन को रिपोर्ट भेजने की तैयारी है। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इस पहाड़ के खनन की अनुमति दिए जाने के मामले में जारी की गई सूचना और राम भक्तों के विरोध का मामला पीएमओ तक पहुंच गया है। पीएमओ और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक इस मामले में अलग-अलग शिकायतें पहुंची हैं।

कलेक्टर सतना अनुराग वर्मा ने कहा कि सिद्धा पहाड़ के प्राचीन और धार्मिक महत्व की बात सामने आने के बाद इसकी जांच करा रहे हैं। अलग-अलग मुद्दों पर जानकारी मांगी है और इस मामले में पहले से भी कुछ जांच चल रही हैं जिसकी रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद ही इस मामले में कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उधर इस पहाड़ के खनन का मामला सामने आने के बाद सतना में कांग्रेस ने जहां भाजपा को आस्था से खिलवाड़ करने वाला फैसला लेने की बात कही है और राज्य सरकार को घेरा है वहीं चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच की मांग कर चुके है।

मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी इस फैसले का विरोध किया है और जनमानस के साथ ईंट से ईंट बजा देने की चेतावनी सरकार को दी है। गौरतलब है कि चित्रकूट में बारह वर्ष बिताने के बाद भगवान राम द्वारा सरभंगा आश्रम होते हुए सिद्धा पहाड़ के रास्ते पंचवटी और दंडकारण्य वन के लिए गमन किया गया था। रामचरित मानस और वाल्मीकि रामायण में इसका उल्लेख है और इतिहासकारों ने भी पुष्टि की है कि सिद्धा पहाड़ त्रेतायुग में राक्षसों द्वारा मारे गए ऋषि मुनियों का अस्थि समूह है जिसके बारे में जानकारी भगवान राम ने धरती को निशिचरहीन करने की प्रतिज्ञा ली थी। इस पहाड़ से बजरी और बाक्साइट के खनन के लिए लंबे समय से खनन माफिया प्रयास कर रहा है।