Ramesh Hingorani: सरकारी बाबू रमेश हिंगोरानी के लोकायुक्त छापे में अब तक 90 करोड़ रुपए से अधिक आय आई सामने

दस्तावेजों की जांच और पूछताछ से होगा खुलासा, कई नामचीन लोगों के नाम आएंगे सामने

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Ramesh Hingorani: सरकारी बाबू रमेश हिंगोरानी के लोकायुक्त छापे में अब तक 90 करोड़ रुपए से अधिक आय आई सामने

भोपाल:मप्र तकनीकी शिक्षा संचालनालय के बाबू रमेश हिंगोरानी के मकान और 5 अन्य ठिकानों पर भोपाल लोकायुक्त पुलिस के छापे में कई खुलासे सामने आ रहे हैं। हिंगोरानी के पास अब तक 90 करोड़ रुपए से अधिक आय सामने आ चुकी है। उनके आवास से कई प्रॉपर्टियों के दस्तावेज मिले हैं, जिसमें हाईप्रोफाइल लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि रमेश हिंगोरानी के साथ कई लोग जुड़े हैं, जो हवाला, रियल एस्टेट और ब्याज का धंधा करते हैं। इस मामले में अभी हिंगोरानी से पुलिस सख्ती से पूछताछ करेगी। वहीं, दूसरी तरफ यदि लोकायुक्त, जीएसटी, आयकर सहित अन्य संस्थान बैरागढ़ में गंभीरता से कार्रवाई करें, तो रमेश हिंगोरानी जैसे दर्जनों लोग पुलिस के शिकंजे में पकड़े जाएंगे। जिन्होंने गड़बड़ियां करके करोड़ों रुपए कमाए हैं।

लक्ष्मीदेवी विक्योमल एजुकेशनल सोसायटी के सचिव पद भी काम कर रहे हैं रमेश

गांधीनगर क्षेत्र में स्थित लक्ष्मीदेवी विक्योमल एजुकेशनल सोसायटी के सचिव पद पर काम करने वाले रमेश हिंगोरानी पर जालसाजी और सोसायटी में गड़बड़ी करके करोड़ों रुपए का घोटाला करने के भी आरोप लगे हैं। सोसायटी द्वारा प्रेरणा किरण पब्लिक स्कूल, वीणा चार्ली दासवानी गर्ल्स पब्लिक स्कूल तथा लक्ष्मी देवी विक्रयोमल सराफ हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। शिकायतकर्ता की मानें तो रमेश हिंगोरानी सरकारी नौकरी पर हैं, वे तकनीकी शिक्षा विभाग शिक्षा संचनालय सतपुड़ा भवन भोपाल में जूनियर आॅडिटर के पद पर पदस्थ हैं। इसके साथ वे सोसायटी में सचिव पद पर रहकर बहुत गड़बड़ियां कर रहे हैं। उन्होंने इस सोसायटी में अपने दोनों बेटों को भी बिना काम के रखकर हजारों रुपए की सैलरी दे रहे हैं। सूत्रों की मानें तो रमेश हिंगोरानी ने करीब 35 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। इसके दस्तावेज शिकायतकर्ताओं के पास उपलब्ध हैं।

सरिता देशमुख ने रमेश हिंगोरानी पर लगाए हैं कई आरोप

शिकायतकर्ता सरिता देशमुख ने आरोप लागए हैं कि संस्था के अन्य अधिकारियों को धमकाकर पिछले कई सालों से हिंगोरानी ने करीब 25 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। स्कूलों से कम्प्यूटर तथा अन्य सामान खरीदी हेतु दुकानदारों से सेटिंग कर खरीदी तथा माल सप्लाई के फर्जी बिल लगाकर समिति के कोषाध्यक्ष से मिलकर एक करोड 50 लाख रुपए की राशि सोसाइटी के खाते से निकाली है। लेकिन डेढ़ करोड़ रुपए का उक्त सामान जैसे कम्प्यूटर, फर्नीचर, एक्वागाई मशीनरी तथा अन्य सामान स्कूल से कभी आया ही नहीं है। इसी तरह, अगस्त, 2024 में रमेश हिंगोरानी ने अपने निजी उपयोग के लिए हुंडई भोपाल शोरूम से एक आई-10 कार सोसाइटी के खाते से 8 लाख रुपए का चैक देकर खरीदी है।

बेटों के नाम पर सोसायटी से निकाल रहे हैं 50 हजार रुपए की सैलरी

शिकायतकर्ता के अनुसार रमेश हिंगोरानी ने बगैर किसी डिग्री तथा योग्यता के अपने बेटे योगेश हिंगोरानी तथा नीलेश हिंगोरानी की सोसाइटी के स्कूलों में संचालक बनाकर उन्हें प्रतिमाह से 25-25 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है। वहीं, समिति द्वारा संचालित तीनों स्कूलों की सभी बसों को डीजल के लिए भोपाल के लालघाटी स्थित पंजाब पेट्रोल पंप से दिलवाया आता है। इस पेट्रोल पंप के संचालक से रमेश हिंगोरानी ने सेटिंग करके लाखों रुपए के फर्जी बिल बनाकर निकाले हैं। सोसाइटी द्वारा संचालित इन तीनों स्कूली में करीब 2000 विद्यार्थी पढ़ते हैं। इन सभी विद्यार्थियों को स्कूल पुस्तक बेचने के लिए बैरागढ़ शिव मंदिर गोलचक्रा के पास स्थित प्रदीप स्टेशनरी को अधिकृत किया गया है। प्रदीप स्टेशनरी के संचालक प्रदीप खेमचंदानी से रमेश हिंगोरानी प्रतिवर्ष 35 लाख रुपए कमीशन लेता है। वह डोनेशन के नाम पर भी लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा कर रहा है।