

Ramnareshacharya Met in Bhusaval : पिपरिया स्टेशन से लापता हुए स्वामी रामनरेशाचार्य भुसावल में मिले, गलती से भुसावल की ट्रेन में बैठे!
Bhusaval : गुरुवार को लापता हुए रामानंद संप्रदाय के प्रधान आचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य भुसावल में मिल गए। ये संत गलतीं से कटनी-भुसावल ट्रेन में बैठकर भुसावल पहुंच गए थे। स्वामी रामनरेशाचार्य अचानक ट्रेन से लापता हो गए थे। वे ट्रेन से भोपाल से जबलपुर आ रहे थे। बताया गया कि श्रीधाम ट्रेन पिपरिया के प्लेटफार्म नंबर 1 पर आई, उसी समय संत ट्रेन से नीचे उतर गए और उसके बाद फिर प्लेटफार्म पर ही टहलने लगे। इस बीच श्रीधाम ट्रेन आगे निकल गई, तो वहीं बगल में ही तीन नंबर प्लेटफार्म पर कटनी-भुसावल ट्रेन खड़ी थी। उसी ट्रेन में बैठकर महाराज जी भुसावल पहुंच गए।
गुरुवार दोपहर को जानकारी सामने आई थी, कि रामनरेशाचार्य ट्रेन से भोपाल से जबलपुर आते समय लापता हो गए। उनकी आखिरी लोकेशन पिपरिया रेलवे स्टेशन पर मिली थी। संत के साथ मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने काफी देर तक उन्हें तलाशने के बाद जीआरपी और आरपीएफ को उनके लापता होने की सूचना दी। स्वामी रामनरेशाचार्य को भोपाल से लेकर जबलपुर तक के सभी स्टेशनों पर तलाश किया, लेकिन उनका पता नहीं चला था।
प्रधान आचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य का जबलपुर में एक सप्ताह कार्यक्रम था। यहां गौरीघाट, जिलहरीघाट स्थित प्रेमानंद आश्रम में एक सप्ताह रूकने वाले थे। स्वामी रामनरेशाचार्य के रेलवे स्टेशन से लापता होने की खबर से हड़कंप मच गया। विशेष सुरक्षा प्राप्त संत रामनरेशाचार्य को सुबह आखिरी बार पिपरिया रेलवे स्टेशन पर देखा गया था। उनका 10 सेकेंड का वीडियो भी सामने आया। रामनरेशाचार्य के सुरक्षा स्टाफ की सूचना के आधार पर पड़ताल करने के लिए रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद ली गई। वे पिपरिया स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर जाते हुए दिखे थे।
स्वामी रामनरेशाचार्य कौन हैं?
जगदगुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी रामनरेशाचार्य रामानंदी वैष्णवों की मूल आचार्यपीठ श्रीमठ के पीठाधीश्वर हैं। जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव की पहल पर गठित रामालय ट्रस्ट के संयोजक रहे हैं। उस ट्रस्ट में द्वारका पीठ और ज्योतिष पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और शृंगेरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी भारती तीर्थ जी भी थे।