Indore : यहां के सिरपुर तालाब को मध्यप्रदेश का तीसरा रामसर साइट का दर्जा दिया गया। शिवपुरी के साख्य सागर तालाब के बाद इंदौर के जैव विविधताओं के लिए किख्यात इस तालाब को रामसर साइट घोषित करना शहर की एक बड़ी उपलब्धि है।
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इंदौर के सिरपुर तालाब के अलावा ओडिशा, गोवा, तमिलनाडु और कर्नाटक के जल-स्थलों को भी रामसर साइट घोषित किया गया।
इनको मिलाकर देश में रामसर साइट की संख्या 64 हो गई है। विश्व में हो रहे जलवायु असंतुलन और परिवर्तन के दौर में रामसर साइट की भूमिका विश्व के पर्यावरण सुधार में अति महत्वपूर्ण है।
दूसरी साइट की खोज में लगे थे दो दशक, तीसरी एक हफ्ते में ही मिल गई। देश के 10 वेटलैंड्स को रामसर साइट्स में शामिल किया गया है।
इनमें इंदौर का सिरपुर तालाब भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए शुभकामनाएं दी हैं।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इंदौर के सिरपुर तालाब को यह टैग दिया है। इसे मिलाकर अब मध्य प्रदेश में तीन रामसर साइट्स हो चुकी हैं।
देश भर में करीब 64 साइट्स को अब तक रामसर साइट के तौर पर घोषित किया गया है। दो दशक पहले राजधानी भोपाल की बड़ी झील को रामसर साइट घोषित किया गया था।
पिछले हफ्ते शिवपुरी जिले की साख्य सागर झील को भी रामसर साइट का टैग मिला था। सिरपुर तालाब प्रदेश का तीसरा वेटलैंड है, जिसे अब रामसर साइट का दर्जा मिला है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने लिखा कि इंदौर के सिरपुर तालाब को रामसर साइट का दर्जा मिलने पर सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
मां अहिल्याबाई की पवित्र नगरी इंदौर के मुकुट में एक और सुंदर रत्न है। अनूठी संस्कृति विकास एवं स्वच्छता के आयामों में प्रकृति के संरक्षण का भी एक सुंदर अध्याय जुड़ गया है।
क्या है रामसर साइट्स
रामसर साइट्स वेटलैंड्स होती है, जिसका अंतरराष्ट्रीय महत्व होता है। रामसर ईरान में स्थित वह स्थान है, जहां 1971 में अंतरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि संधि पर हस्ताक्षर हुए थे।
देश के 10 और वेटलैंड्स को रामसर साइट के रूप में मनोनीत करने के बाद अब देश में रामसर साइट्स की संख्या 64 हो गई है। रामसर साइट्स का उद्देश्य आर्द्रभूमियों का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क विकसित करना और इसे सुरक्षित रखना है।